नई दिल्‍ली। हज यात्रा पूरी कर भारत वापस आ रहे हाजी एयर इंडिया की फ्लाइट में पवित्र जमजम जल ला सकेंगे। एयर इंडिया ने बयान जारी कर कहा कि फ्लाइट एआई 966 और एआई 964  में तीर्थयात्री जमजम की कैन अपने साथ ला सकते हैं। हालांकि, यह बात दीगर है कि हज यात्रियों को पवित्र जमजम जल लाने के लिए एयरलाइंस की शर्तों को पूरा करना होगा। आपको याद होगा कि बीते दिनों हज यात्रा पूरी कर लौट रहे रहे कुछ हाजियों को एयर इंडिया की फ्लाइट में पवित्र जमजम जल से भरे कैन लाने से मना कर दिया गया था जिसके बाद इस मुद्दे को लेकर खासा हंगामा मचा था।

इस हंगामे के बाद एयर इंडिया ने फ्लाइट संख्‍या एआई-966 और एआई-964 में जमजम कैन न ले जाने संबंधी निर्देशों पर अपना पक्ष रखा है। विमानन कंपनी ने स्‍पष्‍ट किया है कि पवित्र जमजम जल से भरे कैन को फ्लाइट में ले जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हाजी फ्लाइट में निर्धारित बैगेज एलाउंस के भीतर जमजमसे भरे कैन लेकर हवाई सफर कर सकते हैं। एयरलाइंस ने एक ट्विट जारी कर इस मसले पर हाजियों को हुई असुविधा के लिए माफी भी मांगी है। 

एयर इंडिया के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, किसी भी अंतरराष्‍ट्रीय उड़ान में किसी भी यात्री को करीब कुल 32 किलो तक सामान लेकर जाने की इजाजत होती है। इसमें 25 किलो सामान रजिस्‍टर्ड बैगेज और 7 किलो सामान हैंड बैग के तौर पर विमान में ले जाया जा सकता है। हज यात्रा पूरी कर वतन लौटनो वाले यात्री इस निर्धारित वजन सीमा के भीतर अपने सामान के साथ जमजम के पानी से भरे कैन भी ला सकते हैं। एयरलाइंस की तरफ से तय सीमा के भीतर सामान और जमजम के लाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अंतरराष्ट्रीय विमानन नियमों के तहत किसी भी प्रकार का तरल पदार्थ हैड बैगेज के तौर पर विमान में नहीं ले जा सकते हैं। ऐसे में किसी भी तरह के तरल पदार्थ को रजिस्‍टर्ड बैगेज के तौर पर अनिवार्य रूप से भेजा जाता है। यहां समस्‍या यह है कि रजिस्‍टर्ड बैगेज के तौर पर सिर्फ 25 किलो सामान ले जाने की इजाजत है। ज्‍यादातर हज यात्रियों के पास करीब इतने ही वजन का सामान होता है। ऐसे में उन्‍हें सामान के साथ विमान में जमजम का पानी ले जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्‍होंने बताया कि यदि सामान और जमजम जल निर्धारित वजह सीमा के भीतर है तो एयरलाइंस को इसे रजिस्‍टर्ड बैगेज के रूप में लाने में कोई आपत्ति नहीं होगी। यात्रियों को यह भी समझना होगा कि विमान के टेकऑफ और लैंडिंग के लिए वजन निर्धारित होता है। वजन अधिक होने पर विमान टेक ऑफ नहीं कर सकेगा।

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