parliament of indiaनयी दिल्ली, 31 जुलाई। संसद के मानसून सत्र का लगातार दूसरा सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ जाने के बीच सरकार ने गतिरोध तोड़ने के प्रयास में सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उसने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह दो सप्ताह से संसद में अपने लगातार किए जा रहे विरोध के चलते जीएसटी जैसे सुधार विधेयकों को पारित होने में बाधा बन कर देश के हितों को ‘‘चोट’’ पंहुचा रही है।

संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने गतिरोध तोड़ने का प्रयास करने की पहल करने के साथ ही स्पष्ट किया कि वह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग को हरगिज स्वीकार नहीं करेगी।
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में अपने खास अंदाज में कहा, ‘‘कांग्रेस संतोषजनक प्रस्ताव चाहती है। आप विपक्ष में हैं और आप तभी संतुष्ट होंगे जब आप सत्ता में आएंगे। हम ऐसे में कुछ नहीं कर सकते। ऐसा करने में तो 10, 20 या 25 साल लग जाएंगे।’’ नायडू ने कहा संसद के दो सप्ताह सरकार के कारण नहीं बल्कि कांग्रेस और वाम दलों के कारण व्यर्थ गए हैं।

समाधान के लिए सरकार के विपक्ष से संपर्क नहीं करने के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंेने कहा कि उन्होंने आज सुबह ही विभिन्न दलों की बैठक बुलाई थी लेकिन कांग्रेस अंतिम क्षणों में पीछे हट गई। उन्होंने कहा कि वह सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाने की सोच रहे हैं। कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि जब तक सरकार कोई स्पष्ट प्रस्ताव लेकर नहीं आती वह बैठक में हिस्सा नहीं लेगी।

नायडू ने विपक्ष की चुटकी लेते हुए कहा कि संसद के दो सप्ताह हंगामें की भेंट चढ़ जाने को कांग्रेस अपनी ‘‘विजय’’ मान कर खुश हो सकती है लेकिन उसे यह सोचना चाहिए कि ऐसा करके वह देश के विकास को नुकसान नहीं पंहुचा रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार इसी सत्र में जीएसटी विधेयक को पारित कराने में सफल होगी।

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