लखनऊ। अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए राहत की खबर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ अब 69000 शिक्षकों की भर्ती के मामले पर आज (मंगलवार) से रोजाना सुनवाई करेगी। हाईकोर्ट ने बीते 19 सितंबर को निर्देश दिया था कि इस मामले में 24 संतबर से प्रतिदिन सुनवाई होगी।

हाई कोर्ट ने इस बहुचर्चित मामले की पीठ में भी बदलाव किया है। इसमें न्यायमूर्ति जसप्रीत की जगह न्यायमूर्ति इरशाद अली को शामिल किया गया है। रोजाना सुनवाई होने के कारण माना जा रहा है कि सभी पक्षों को आठ अक्टूबर से पहले सुन लिया जाएगा।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए इसी वर्ष जनवरी में परीक्षा कराई गई थी। लिखित परीक्षा हुए 9 महीने हो गए हैं फिर भी चार लाख अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है। परीक्षा के बाद सरकार ने भर्ती का कटऑफ सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी के लिए 65 प्रतिशत जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 60 प्रतिशत की अनिवार्यता के साथ तय कर दिया।

शिक्षक भर्ती में 69000 भर्तियों में अर्हता अंकों को लेकर मामला लखनऊ बेंच में है। इससे पहले 19 सितम्बर की तारीख दी गई थी। इस भर्ती की परीक्षा जनवरी में हुई थी लेकिन अर्हता अंकों को लेकर मामला हाईकोर्ट में चला गया। इस मामले में राज्य सरकार हाईकोर्ट गई है लेकिन इसकी लचर पैरवी को लेकर अभ्यर्थी नाराज हैं। नाराज अभ्यार्थी चाहते हैं कि लखनऊ बेंच में होने वाली सुनवाई में महाधिवक्ता की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा उनकी यह भी मांग है कि सरकार अपना पक्ष मजबूती से रखे।  उनकी मांग है कि सरकार न्यायालय के अंतरिम आदेश पर आरक्षित वर्ग के लिए 60 और अनारक्षित वर्ग के लिए 65 फीसदी पासिंग मार्क पर भर्ती अतिशीघ्र पूरी करवाकर शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल लाखों अभ्यर्थियों को मानसिक अवसाद से मुक्त कराएं। इस आदेश को लेकर अभ्यार्थियों ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में चुनौती दी। याचिकाकर्ताओं की मांग है कि सरकारी नियमों के हिसाब से भर्ती के लिए डाली गई याचिका पर सुनवाई हो और महाधिवक्ता हर सुनवाई में मौजूद रहें।

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