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अरुणाचल में बोले अमित शाह- अनुच्छेद 371 नहीं हटाएगी सरकार, इसे लेकर फैलाया जा रहा भ्रम

इटानगर (अरुणाचल प्रदेश) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 (जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रावधान) को खत्म करने के बाद यह अफवाह और भ्रम फैलाया जा रहा है कि अनुच्छेद 371 को भी खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन, ऐसा कभी नहीं होगा और ना ही ऐसा करने की किसी कि मंशा है।

केंद्रीय गृह मंत्री शाह गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश के 34वें राज्य दिवस पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। शाह ने कहा कि भारत की संस्कृति पूर्वोत्तर की संस्कृति के बिना अधूरी ही नहीं, अपंग भी है। अगस्त 2019 में जब अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला लिया गया तो पूर्वोत्तर में भी अफवाहें और गलतफहमी फैलाई गई कि 370 के साथ ही 371 को भी हटा देंगे। “मैं आज समग्र नार्थ ईस्ट को बताना चाहता हूं कि धारा 371 को कोई हटा नहीं सकता और न ही हटाने की किसी की मंशा है।”

शाह ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले तक पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत के बाकी हिस्सों के साथ केवल भौगोलिक रूप से जुड़ा था, असल जुड़ाव तो मोदी सरकार में हुआ है। मोदी सरकार चाहती है कि पूरा पूर्वोत्तर क्षेत्र उग्रवाद, सीमाओं को लेकर अंतर-सरकारी संघर्ष जैसी समस्याओं से मुक्त हो। गृह मंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 में जब हम वोट मांगने जाएंगे तो तब तक पूर्वोत्तर उग्रवाद, अंतरराज्यीय संघर्ष जैसी समस्याओं से मुक्त हो चुका होगा।
 

क्या है अनुच्छेद 371

भारत विविधताओं भरा देश है। देश का हर राज्य भूगोल और संस्कृति के हिसाब से अलग-अलग है। कुछ राज्यों की संस्कृति, राजनीतिक और भौगोलिक परिस्थितियों के चलते संविधान में विशेष प्रावधान किए गए है। अनुच्छेद 370 में जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष प्रावधान किए गए थे। अनुच्छेद 370 के अलावा अनुच्छेद 371 में कई राज्यों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। संविधान के भाग 21 में बनाए गए अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष प्रावधानों में अनुच्छेद 371 भी शामिल है। इसमें 371, 371 ए, 371 बी, 371 सी, 371 डी, 371 ई, 371एफ, 371 जी, 371 एच, 371 आई और 371 जे शामिल हैं। इनमें शामिल सभी राज्यों के लिए कुछ विशेष प्रावधान शामिल हैं. हालांकि 370 में दिए गए विशेष प्रावधान 371 के प्रावधानों से ज्यादा प्रभावशाली थे। इन प्रावधानों में से कुछ प्रावधान प्रिंसली स्टेट्स को मिलाने के लिए भी बनाए गए थे। इन प्रावधानों के पीछे ऐतिहासिक वजहें भी थीं। अनुच्छेद 371 के अलावा 371ए से 371जे तक आजादी के बाद संविधान में जोड़े गए।

gajendra tripathi

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