नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा नेताजी की फाइलें सार्वजनिक करने के बाद अब पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के परिवार ने भी केंद्र की मोदी सरकार से शास्त्री जी की फाइलें उजागर करने और उनकी मौत की जांच कराने की मांग की है।
पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे और कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री ने एक संवाद एजेंसी से कहा, ‘मुझे लगता है मोदी सरकार द्वारा शास्त्रीजी की फाइलें सार्वजनिक करना चाहिए साथ ही एक जांच कमेटी भी बैठानी चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘कई लोगों का मानना है कि शास्त्रीजी की मौत प्राकृतिक नहीं थी, मौत के बाद उनका चेहरा नीला पड़ गया था साथ ही उनकी डायरी भी गायब थी।’
उन्होंने कहा, ‘ताशकंद में शास्त्रीजी के कमरे में कोई घंटी या टेलीफोन नहीं था ताकि उन्हें प्राथमिक चिकित्सा मिल पाती। भारतीय दूतावास ने लापरवाही की थी।’ अनिल शास्त्री ने मोदी सरकार से यह मांग की है कि वे शास्त्री जी के निधन की जांच कराये और इस संबंध में जो सच है, उसे सामने लाये।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के परिवार ने उनकी मौत की जांच कराने की मांग की हो। इससे पहले जुलाई 2015 में भी उनके परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शास्त्रीजी की रहस्यमयी मौत की जांच की मांग की थी। उस समय अनिल शास्त्री ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि, ‘मेरी मां का देहांत 1993 में हुआ और अंत तक उनका मानना था कि मेरे पिता की हत्या हुई थी।’
अनिल शास्त्री की इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि आज 45 साल बाद क्यों उन्हें इसकी जांच कराने की याद आयी है। वे अब तक क्यों चुप थे। यह ब्लैकमेलिंग है।