पठानकोट। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत ने मंगलवार को दुनिया के सबसे खतरनाक लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे को पाकिस्तान की सीमा के करीब पठानकोट एयरबेस पर तैनात कर दिया। अमेरिका से मिले कुल आठ अपाचे हेलिकॉप्टर यहां तैनात किए गए हैं। तैनाती से पहले इन हेलिकॉप्टरों को वॉटर कैनन से सलामी दी गई।
पठानकोट एयर बेस पर तैनाती से पहले एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल आर. नांबियार ने अपाचे हेलिकॉप्टरों की पूजा की। बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ को अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की चाबी सौंपी। इस एयरबेस पर अपाचे की तैनाती से भारतीय एयरफोर्स की ताकत और बढ़ जाएगी।
सलिल गुप्ते ने कहा कि यह भारतीय वायुसेना को 22 में से आठ अपाचे हेलिकॉप्टर मिल गए हैं। ये एएच -64 ई (Apache AH-64E) संस्करण है। इसे अमेरिकी सेना भी इस्तेमाल करती है। ये अपाचे हेलिकॉप्टरों की नवीनतम तकनीक है।
भारतीय वायुसेना अमेरिका से मिल रहे 22 अपाचे हेलिकॉप्टरों को पठानकोट के अलावा चीन सीमा की सुरक्षा के लिए असम के जोरहट में भी तैनात करेगी। AH-64E अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में से एक है। इसका इस्तेमाल अमेरिकी सेना भी करती है। इससे वायुसेना के लड़ाकू क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी।
वायुसेना प्रमुख
बीएस धनोआ ने कहा कि यह दुनिया का सबसे घातक
हेलिकॉप्टर है। यह एक साथ कई मिशन को
पूरा करने का क्षमता रखता है। इसके तैनाती के साथ ही वायुसेना अटैक हेलिकॉप्टर्स
के आधुनिक संस्करण से लैस हो गई है। वायुसेना के जनसंपर्क अधिकार (पीआरओ) अनुपम बनर्जी ने कहा कि सभी 22 अपाचे हेलीकॉप्टार चरणबद्ध
तरीके से आएंगे और इन सभी को
भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा।
सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ भारतीय वायुसेना ने 22 अपाचे हेलिकॉप्टरों के लिए अनुबंध किया था। इस सौदे के लगभग चार साल बाद हिंडन एयर बेस पर भारतीय वायुसेना के अपाचे हेलिकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी हुई थी। बोईंग ने बीती 27 जुलाई को 22 हेलिकॉप्टरों में से पहले चार को वायुसेना को सौंप दिया था। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने साल 2017 में सेना के लिए 4,168 करोड़ रुपये की लागत से बोइंग से छह अपाचे हेलिकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी।
यह अपाचे हेलिकॉप्टरों का पहला बेड़ा है। इनकी पहली डिलीवरी तय समय से पहले हुई है। भारतीय वायुसेना साल 2020 तक 22 अपाचे हेलिकॉप्टर के बेड़े को संचालित करेगी। वायुसेना के लिए AH-64E अपाचे ने जुलाई 2018 में पहली सफल उड़ान पूरी की थी। वायुसेना के पहले बैच ने साल 2018 में अमेरिका में अपाचे को उड़ाने के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू किया था।
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