यमुनानगर दिल्ली। पुरातत्व विभाग ने हरियाणा के मुगलवाली गांव में चल रही सरस्वती नदी की खोदाई से संबंधित प्रोजेक्ट की पूरी रिपोर्ट जिला प्रशासन से मांगी है। रिकॉर्ड मिलने पर पुरातत्व विभाग इसकी आर्केलाजिकल साइट्स तय करेगा।
विभाग ने 22 अप्रैल को सरस्वती नदी की पवित्र धारा से जांच के लिए पत्थर व रेत लिया था। परीक्षण में सामने आया कि पानी साफ है। रेत भी नदी की है। इससे स्पष्ट है कि खोदाई के दौरान धरा पर आया पानी लुप्त नदी का है।
पुरातत्व विभाग के अधीक्षक जीएन श्रीवास्तव ने बताया कि वह सरस्वती नदी की खोदाई किस प्रोजेक्ट के तहत की जा रही है और इसके लिए फंड का क्या स्रोत हैं। वह इससे संबंधित जानकारी एक प्रक्रिया के तहत चाहते हंै। रिकॉर्ड मांगने का मकसद प्रोजेक्ट पर कार्य करना है।
उन्होंने बताया कि जो पत्थर निकले हैं वह भी हिमालय के हैं। इन पत्थरों का खोदाई में मिलना स्वाभाविक बात नहीं है। सरस्वती नदी का राजस्व रिकॉर्ड 14 वर्ष पूर्व सरस्वती
शोध संस्थान ने एकत्रित कर लिया था। संस्थान ने 1999 में रिकॉर्ड एकत्रित करना शुरू किया। राजस्व रिकॉर्ड जुटाने में संस्थान को तीन वर्ष का समय लगा।