नई दिल्ली। 2000 रुपये के नोट को लेकर देश में तरह-तरह की बातें होती रहती हैं और खूब अटकलें लगती हैं। ताजा अटकल है कि 2000 रुपयो के नोट बंद होने वाले हैं। केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में इस सवाल का जवाब दिया। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि 2000 हजार के नोट बंद होने की सभी खबरें गलत हैं। इन नोटों की छापाई बंद नहीं हुई है और न ही ऐसा कोई इरादा है। हालांकि, उन्होंने 2000 के नोटों की छपाई में कमी की बात जरूर स्वीकार की।
दरअसल, पिछले कुछ समय से यह कहा जाता रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद करने का फैसला किया है। कई रिपोर्ट में आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि वर्ष 2019 से 2000 के नए नोट नहीं छापे जा रहे हैं।
अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में कहा कि सरकार लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए किसी खास डिनोमिनेशन (Denomination) के नोटों की प्रिंटिंग के संबंध में रिजर्व बैंक के परामर्श से कोई फैसला लेती है। इस सवाल के जवाब में कि क्या कोरोना वायरस संकट के चलते नोटों की छपाई प्रक्रिया प्रभावित हुई है, वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि नोटों की छपाई को देशव्यापी लॉकडाउन के कारण अस्थायी रूप से रोक दिया गया था लेकिन इसे चरणबद्ध तरीके से दोबारा शुरू किया जा चुका है। 31 मार्च 2019 तक 2,000 के कुल 273.98 करोड़ नोट चलन में थे जबकि 31 मार्च 2020 में यह संख्या 329.10 करोड़ थी।
23 मार्च से बंद थी छपाई
कोरोना के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रा प्राइवेट लिमिटेड (BRBNMPL) प्रेस में 23 मार्च 2020 से नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी जिसे 4 मई से पुन: शुरू कर दिया गया है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SPMCIL) ने सूचित किया है कि कोविड-19 महामारी के कारण उसकी प्रेस में भी बैंक नोटों की छपाई प्रभावित हुई थी।