नई दिल्‍ली। केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुणजेटली ने रविवार को राफेल मुद्दे पर जेपीसी के गठन की संभावना को खारिज कर दिया और कांग्रेस पर हमला जारी रखा। कहा- इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की क्लीन चिट के बाद संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का विचार प्रासंगिक नहीं है। 

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले चार दिनों में विभिन्न विरोधों के कारण कामकाज बाधित रहा। इस बारे में जेटली ने कहा कि प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस राफेल मुद्दे पर सत्र के बाकी हिस्सों में चर्चा के दौरान बाधाओं को प्राथमिकता देगी।

साबित हो चुकी है सौदे की वैधता
‘राफेल- झूठ और अब फिर झूठ?’ शीर्षक से लिखे फेसबुक ब्लॉग में जेटली ने लिखा है, ‘सुप्रीम कोर्ट द्वारा आखिरी बात कह देने के बाद, सौदे की वैधता साबित हो चुकी है। कोर्ट ने जो कुछ कहा है, कोई राजनीतिक निकाय कभी भी उससे अलग कुछ नहीं पा सकता।’ फैसले में सीएजी और पीएसी वाले एंगल पर उन्होंने कहा कि डिफेंस ट्रांजेक्शंस सीएजी के पास ऑडिट रिव्यू के लिए जाते हैं और उसके बाद उन्हें पीएसी (पब्लिक अकाउंट्स कमिटी) को भेजा जाता है।

सरकार ने कही तथ्यात्मक और सही-सही बात 
जेटली ने कहा, ‘सरकार ने कोर्ट में तथ्यात्मक और सही-सही बात कही। राफेल का ऑडिट रिव्यू अभी सीएजी के पास लंबित है। सभी तथ्य उसके साथ साझा किए जा चुके हैं। जब यह रिपोर्ट तैयार हो जाएगी तो यह पीएसी के पास जाएगी। शीर्ष अदालत के सामने सही तस्वीर पेश की जा चुकी है और अब यह उसके विवेक पर है कि बताए कि सीएजी का रिव्यू किस चरण में लंबित है।’ 

कांग्रेस कभी भी सच को स्वीकार नहीं करती
जेटली ने फेसबुक ब्लॉग में लिखा है,  ‘प्रक्रिया, प्राइसिंग और ऑफसेट सप्लायर्स को लेकर कोर्ट के अंतिम नतीजों के लिए सीएजी रिव्यू प्रासंगिक नहीं है, लेकिन कांग्रेस कभी भी सच को स्वीकार नहीं करती। तमाम झूठ पकड़े जाने के बाद अब वे जजमेंट के बारे में दुष्प्रचार शुरू कर चुके हैं।’ 


अब नया झूठ गढ़ा जा रहा


जेटली ने लिखा है कि कांग्रेस जब अपने शुरुआती झूठ में नाकाम हो गई तो अब फैसले के बारे में नए झूठ गढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘अदालत ने न्यायिक समीक्षा की। वह स्वतंत्र, भेदभावरहित और निष्पक्ष संवैधानिक संस्था है। कोर्ट का फैसला ही फाइनल है। इस फैसले की समीक्षा उसके अलावा कोई और नहीं कर सकता।’


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