नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सूरत दुष्कर्म मामले में आसाराम बापू को जमानत देने से एक बार फिर इन्कार कर दिया है, साथ ही निचली अदालत से ट्रायल जल्द पूरा करने को कहा है। शीर्ष अदालत ने निचली अदालत से कहा कि वह हाई कोर्ट की टिप्पणी से प्रभावित हुए बिना मामले का निपटारा करे। सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि आसाराम के खिलाफ सूरत में चल रहे दुष्कर्म के मामले में अभी 10 गवाहों के बयान दर्ज होना बाकी है।

अदालत द्वारा एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का दोषी ठहराया जा चुका कथावाचक आसाराम चार साल से अधिक समय से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है। जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम के आश्रम में पांच साल पहले एक किशोरी के साच दुष्कर्म के मामले में दोषी पाये जाने के बाद उसे 25 अप्रैल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली यह नाबालिग लड़की मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में स्थित आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी। पीड़िता का आरोप है कि आसाराम ने उसे जोधपुर के निकट मनई आश्रम में बुलाया और 15 अगस्त 2013 को उसके साथ दुष्कर्म किया।  

आसाराम यौन उत्पीड़न के दो और मामलों में मुकदमे का सामना कर रहा है। इनमें एक मुकदमा राजस्थान में जबकि दूसरा गुजरात में चल रहा है।

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