नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम शुक्रवार को जारी कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि पश्चिम बंगाल में 8 चरण (Phase) में चुनाव होंगे। पहले फेज की वोटिंग 27 मार्च को और दूसरे फेज की 1 अप्रैल को होगी। पश्चिम बंगाल समेत पांचों राज्यों में वोटों की गिनती 2 मई को होगी।
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, विकलांग लोगों, जरूरी सेवाओं में लगे जिन लोगों की स्थानीय चुनाव अधिकारी पहचान करेंगे, वे पोस्ट बैलट से मतदान कर सकेंगे। सभी चुनाव अधिकारियों का कोरोना वैक्सीनेशन होगा। वोट डालने का समय 1 घंटा ज्यादा होगा। अरोड़ा के मुताबिक 5 राज्यों में 824 विधानसभा सीटें हैं। इनके लिए इस बार 18.68 करोड़ वोटर हैं और 2.7 लाख मतदान केंद्र होंगे।
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) फिलहाल पश्चिम बंगाल में सत्ता पर काबिज है। यहां भाजपा ने पिछले चुनाव के बाद से जैसा आक्रामक रुख अपनाया है, उसे देखते हुए मुख्य मुकाबला टीएमसी और उसके बीच ही माना जा रहा है। भाजपा के लगभग सभी बड़े नेता यहां रैली कर रहे हैं। ओपिनियन पोल्स में भी भाजपा ममता की पार्टी को बेहद कड़ी टक्कर देती दिख रही है।
पहला फेज
सीटें: 30 (पुरुलिया, बांकुड़ा, झाड़ग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्वी मेदिनीपुर)
अधिसूचना: 2 मार्च
नामांकन: 9 मार्च
स्क्रूटनी: 10 मार्च
नाम वापसी: 12 मार्च
वोटिंग: 27 मार्च
काउंटिंग: 2 मई
दूसरा फेज
सीटें: 30 (बांकुड़ा, पश्चिमी मेदिनीपुर, पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण-24 परगना)
अधिसूचना: 5 मार्च
नामांकन: 12 मार्च
स्क्रूटनी: 15 मार्च
नाम वापसी: 17 मार्च
वोटिंग: 1 अप्रैल
पहला फेज
सीटें: 47
अधिसूचना: 2 मार्च
नामांकन: 9 मार्च
स्क्रूटनी: 10 मार्च
नाम वापसी: 12 मार्च
वोटिंग: 27 मार्च
दूसरा फेज
सीटें: 39
अधिसूचना: 5 मार्च
नामांकन: 10 मार्च
स्क्रूटनी: 16 मार्च
नाम वापसी: 17 मार्च
वोटिंग: 1 अप्रैल
तीसरा फेज
सीटें: 40
अधिसूचना: 12 मार्च
नामांकन: 19 मार्च
स्क्रूटनी: 20 मार्च
नाम वापसी: 22 मार्च
वोटिंग: 6 अप्रैल
अधिसूचना: 12 मार्च
नामांकन: 19 मार्च
स्क्रूटनी: 20 मार्च
नाम वापसी: 22 मार्च
वोटिंग: 6 अप्रैल
अधिसूचना: 12 मार्च
नामांकन: 19 मार्च
स्क्रूटनी: 20 मार्च
नाम वापसी: 22 मार्च
वोटिंग: 6 अप्रैल
अरोड़ा ने बताया कि असम में 2016 में 24,890 चुनाव केंद्र थे, इस बार 33,530 बूथ होंगे। तमिलनाडु में 2016 में 66,007 चुनाव केंद्र थे, 2021 में 88,936 होंगे। केरल में पहले 21,498 चुनाव केंद्र थे, अब 40,771 होंगे। पश्चिम बंगाल में 2016 में 77,413 पोलिंग बूथ थे, इस बार 1 लाख 1 हजार 916 होंगे।
अरोड़ा ने कहा, “पिछले साल जब पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही थी, तब दुनियाभर के चुनाव आयोगों के सामने चुनाव कराना चुनौती थी। कई देशों ने ऐसे हालात में भी हिम्मत दिखाई और कुछ बदलाव और एहतियात बरतते हुए चुनाव कराए। चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 18 सीटों पर जून 2020 में चुनाव कराकर शुरुआत की। हमारे लिए बड़ी चुनौती बिहार थी। वहां 7.3 करोड़ वोटर थे। यह हमारे लिए अग्निपरीक्षा थी।”
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी है कि बिहार के वोटरों ने भी भरोसा दिखाया और चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लिया। बिहार में कई अधिकारियों को कोरोना था, इसके बावजूद वे चुनाव तैयारियों को देखते रहे। आपको जानकर खुशी होगी कि बिहार में वोटिंग में 57.3% वोटिंग हुई जो पिछले विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा थी।”
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि असम विधानसभा चुनाव का कार्यकाल 31 मई तक है। इसी तरह तमिलनाडु विधानसभा का 24 मई, बंगाल का 30 मई, केरल का 1 जून और पुडुचेरी का 8 जून तक का कार्यकाल है।
बतौर चुनाव आयुक्त 11 चुनाव और बतौर मुख्य चुनाव आयुक्त 14 चुनाव देख चुके अरोड़ा 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने एक शेर भी पढ़ा- किसी से हमसुखन होता नहीं महफिल में परवाना, उन्हें बातें नहीं आती, जो अपना काम करते हैं।
पश्चिम बंगाल में 294 सीटें : प्रदेश में अभी तृणमूल कांग्रेस की सरकार है। 2016 के चुनाव में TMC को 211 सीटें मिली थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 42 में से 18 सीटें जीती थीं। इसलिए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया है। इस बार का चुनाव TMC बनाम BJP हो गया है। यहां कांग्रेस, वामदलों और इंडियन सेकुलर फ्रंट के बीच गठबंधन तय है। फुरफुरा शरीफ की इंडियन सेकुलर फ्रंट को 30 सीटें दी गई हैं।
केरल में 140 सीटों पर लड़ाई : भारत में लेफ्ट के आखिरी गढ़ बने केरल में 140 सीटों पर चुनाव होने हैं। यहां लेफ्ट पार्टियों और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है।
तमिलनाडु में 234 विधानसभा सीटेंयहां 134 सीटें जीतकर AIDMK ने सरकार बनाई थी। DMK को 97 सीटें मिली थीं।
असम में 126 सीटों पर चुनाव : पिछली बार यानी 2016 में यहां भाजपा की सरकार बनी थी। उसे 60 सीटें मिली थीं। सहयोगी दलों को 26 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 26 और AIUDF को 13 सीटें मिली थीं।
पुडुचेरी में 30 विधानसभा सीटें : केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में 30 सीटें हैं। यहां विधानसभा में 3 नामित सदस्य होते हैं। यहां अब तक कांग्रेस गठबंधन वाली सरकार थी, लेकिन पिछले हफ्ते ही कई विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी। इससे सरकार अल्पमत में आ गई। मुख्यमंत्री नारायणसामी को इस्तीफा देना पड़ा। अभी यहां राष्ट्रपति शासन लागू है।
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