नई दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस खाली करने के मामले सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ एजेएल की अपील को दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी खारिज कर दिया है।  

नई दिल्ली। हेराल्ड हाउस मामले में एसोसिएट जनरल लिमिटेड (एजीएल)को एक और झटका लगा है। हेराल्ड हाउस खाली करने के मामले में सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ उसकी अपील को दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी खारिज कर दिया है। अब एजीएल को हेराल्ड हाउस खाली करना होगा. 

दिल्ली हाईकोर्ट 19 फरवरी को केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एजीएल के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की दलील सुनने के बाद इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट ने दोनों वरिष्ठ अधिवक्ताओं को भी अपना-अपना लिखित जवाब तीन दिन के अंदर कोर्ट में दाखिल करने का समय दिया था।

एजेएल ने हेराल्ड हाउस खाली करने के पिछले साल 21 दिसंबर के सिंगल बेंच के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी थी। कई दिन की सुनवाई और दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। एजेएल ने अपने बचाव में कहा था कि हेराल्ड हाउस को खाली कराने का फैसला पूरी तरह से राजनीतिक है और केंद्र सरकार ने मनमानी से लीज को रद्द करने का निर्णय लिया है।

जमानत पर हैं सोनिया और राहुल

दरअसल, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने नई दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में नेशनल हेराल्ड मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी व अन्य पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने साजिश के तहत महज 50 लाख रुपये का भुगतान कर धोखाधड़ी की और इसके जरिये यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वह रकम वसूलने का अधिकार हासिल कर लिया, जिसे एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड को कांग्रेस को देना था। इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडिया कंपनी आरोपी हैं। फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर हैं। इस मामले में शिकायतकर्ता के बयान दर्ज हो चुके हैं।

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