surgical strike
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नयी दिल्ली। भारतीय सेना ने पाकिस्तान में ’सर्जिकल स्ट्राइक’ (surgical strike) करने के करीब एक साल बाद म्यांमार सीमा पर बड़ा ऑपरेशन किया है। भारतीय सेना की इस कार्रवाई में आतंकी संगठन एनएससीएन (के) को बड़ा नुकसान हुआ है। सेना की तरफ से की गई इस कार्रवाई में एनएससीएन (के) के कई आतंकियों के मारे जाने की खबर आ रही है। सेना ने म्यांमार के नागा इंसर्जेंट कैंप में इस बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। भारतीय सेना ने म्‍यांमार सीमा पर आतंकियों पर हमला किया। इस कार्रवाई में भारतीय सेना को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

यह भारत की म्‍यांमार सीमा के पास अब तक की तीसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे दो साल पहले 2015 में सेना ने इसी सीमा पर ’सर्जिकल स्ट्राइक’ (surgical strike) को अंजाम दिया था। 1995 में भी भारतीय सेना की तरफ से सर्जिकल स्‍ट्राइक की गई थी। म्‍यामांर सीमा पर सुबह 4.45 पर भारतीय सेना की तरफ से नगा आतंकियों पर यह कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई कोन्‍सा इलाके में हुई। सेना की ईस्‍टर्न कमांड की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सेना ने अंतरराष्‍ट्रीय बॉर्डर को क्रॉस नहीं किया।

आपको बता दें कि इससे एक साल पहले ही भारतीय सेना ने पाकिस्‍तान के खिलाफ सर्जिकल स्‍ट्राइक को अंजाम दिया था। इस कार्रवाई में सेना ने पीओके में घुसकर आतंकी ठिकानों को नष्‍ट किया था। ईस्टर्न कमांड की तरफ से जारी बयान में उन खबरों को गलत बताया गया जिनमें भारतीय सेना के जवानों के भी घायल होने की बात कही जा रही थी। खबरों के मुताबिकए इसे सर्जिकल स्ट्राइक (surgical strike) नहीं कहा जा सकता। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को ही आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि पिछले वर्ष नियंत्रण रेखा के पार जाकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान के लिए एक संदेश था। उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर इस तरह की और सर्जिकल स्ट्राइक का संकेत दिया था।

रावत ने ’इंडियाज मोस्ट फीयरलेस’ नामक किताब के लोकार्पण के बाद कहा था, ’स्ट्राइक एक संदेश था, जिसे हम देना चाहते थे। मैं समझता हूं कि वे हमारे संदेश को समझ गए हैं। जरूरत पड़ने पर ऐसी कार्रवाई फिर की जा सकती है।’

इस किताब में म्यांमार सीमा और नियंत्रण रेखा के पार की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सामग्री है। रावत ने कहा कि आतंकवादी लगातार आते रहेंगे और भारतीय सैनिक उनकी खातिरदारी के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, “हम किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए तैयार हैं। आतंकवादी सीमा के उस पार तैयार हैं और हम सीमा के इस तरफ उनकी खातिरदारी के लिए तैयार हैं। हम उनका स्वागत करेंगे और उन्हें उनकी कब्र में दफन कर देंगे।

 

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