जन्मदिन विशेष : अटल बिहारी वाजपेयी एक अलौकिक व्यक्तित्व

आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है।अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था।उन्‍होंने न केवल एक बेहतरीन नेता बल्कि एक अच्‍छे कवि के रूप में भी नाम कमाया और एक शानदार वक्ता के रूप में लोगों के दिल जीते.अटल बिहारी वाजपेयी के अलौकिक व्यक्तित्व  से भारतीय राजनीति का कोई भी अंग अछूता नही है ।

1957 में बाजपेयी जी जब पहले बार सांसद बने तब उनकी उम्र लगभग 33 साल थी।उसके बाद जनसंघ के टिकट पर उत्‍तर प्रदेश के बलरामपुर लोकसभा क्षेत्र से दूसरी बार लोकसभा के लिये चुने गये।अगर भाजपा के पास अटलजी जैसा सर्वसमावेशी व्यक्तित्व नहीं होता, तो ऐसा गंठबंधन बनना मुश्किल हो जाता.यह अटलजी के व्यक्तित्व की खूबी ही थी कि शरद यादव, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, फारूक जैसे लोग भी उनकी सरकार में सहर्ष काम करते रहे।

1968 में वाजपेयी जी को भारतीय जनसंघ का अध्‍यक्ष चुना गया. दीनदयाल उपाध्‍याय ने उनके बारे में कहा था कि वाजपेयी जी में आयु से कहीं ज्‍यादा दृष्टिकोण और समझदारी है।

1977 में मोरारजी देसाई के नेतृत्‍व में जनता पार्टी सरकार में वाजपेयी विदेश मंत्री बनें. उन्‍होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र में हिंदी का गौरव बढ़ाया।

29 दिसंबर 1980 को भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ और वाजपेयी ही इसके संस्‍थापक अध्‍यक्ष बने. उसके बाद 6 दिसंबंर 1992 को अयोध्‍या में विवादास्‍पद ढांचा ढहाने के अभियान से वाजपेयी जी ने खुद को अलग रखा और इस घटना पर खेद भी जताया।

1993 में वाजपेयी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष चुने गये जिससे राजनीतिक बिरादरी में भी भाजपा की स्‍वीकार्यता और जगह बढ़ने लगी।

1996 में लोकसभा चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और वाजपेयी पहली बार प्रधानमंत्री बने।इस दौरान उनका कार्यकाल सिर्फ 13 दिन का रहा. 1998 में वाजपेयी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने और इस दौरान उनका कार्यकाल 13 माह का रहा।1999 के लोकसभा चुनाव में वाजपेयी के नेतृत्‍व में एनडीए बहुमत के साथ सत्‍ता में आयी और फिर उसके बाद देश में राजनीतिक स्थिरता आई।वह 1999 से 2004 तक पांच साल तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।

वाजपेयी के ही कार्यकाल में भारत ने परमाणु परीक्षण किया और देश को परमाणु शक्ति वाले देश के रूप में पहचान दिलाई. उसके बाद लोकसभा चुनाव में वाजपेयी भले ही ए‍क वोट से हार गये मगर उन्‍होंने करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया।

गौरतलब है कि अटल जी के अब अस्वस्थ होने के कारण उनका ज्यादा समय बिस्तर पर आराम करते बीतता है। वह बात जिसके लिए अटलजी को सदियों तक याद किया जाएगा, वह है पोखरन का परमाणु-विस्फोट, वह भारतीय संप्रभुता का शंखनाद था जिससे भारत की गणना शक्तिशाली राष्ट्रों में होने लगी।

अटलजी के कार्यकाल में कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य शुरू हुए जैसे सड़कों से पूरे देश को जोड़ना. नदियों को भी एक-दूसरे से जोड़ने की योजना उन्होंने बनायी थी.करगिल-युद्ध में भी भारत की जीत हुई।

.अटल बिहारी वाजपेयी 1992 में पद्म विभूषण सम्मान, 1994 में लोकमान्य तिलक पुरस्कार, 1994 में श्रेष्ठ सासंद पुरस्कार और 1994 में ही गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं।

अटल जी के व्यक्तित्व पर जितना लिखा जाए कम है, bareillylive की तरफ से अटल जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें..

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