अर्जी में केंद्र सरकार ने कहा है कि जमीन का विवाद सिर्फ 2.77 एकड़ का है, बाकी जमीन पर कोई विवाद नहीं है।
नई दिल्ली। अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की। इसमें कहा गया है कि सरकार ने 67 एकड़ जमीन अधिगृहीत की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। अर्जी में सरकार का कहना है कि जमीन का विवाद सिर्फ 2.77 एकड़ का है, बाकी जमीन पर कोई विवाद नहीं है। इसलिए उस पर यथास्थित बरकरार रखने की जरूरत नहीं है। सरकार चाहती है कि जमीन का कुछ हिस्सा राम जन्भूमि न्यास को दिया जाए। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इसकी इजाजत मांगी है।
गौरतलब है कि अयोध्या मामले पर शीर्ष अदालत में 29 जनवरी को सुनवाई होनी थी लेकिन इसके लिए बनाई गई जजों की पीठ में शामिल न्यायमूर्ति बोबड़े के मौजूद न होने पर अब यह सुनवाई आगे के लिए टल गई है। अभी इस मामले में सुनवाई के लिए तारीख भी तय नहीं हुई है। इससे पहले पीठ के गठन और न्यायमूर्ति यूयू ललित के हटने के कारण भी सुनवाई में देरी हुई थी।
इससे पहले 25 जनवरी को अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस रंजन गोगोई ने नई बेंच का गठन कर दिया था. इस पीठ में CJI न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के अलावा न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, अशोक भूषण और न्यायमूर्ति अब्दुल नज़ीर शामिल हैं। पिछली पीठ में किसी मुस्लिम जज के न होने के चलते कई पक्षों ने सवाल भी उठाए थे।