नई दिल्ली। (10 thousand rupees fine for claiming treatment for corona virus) कोरोना वायरस के इलाज का दावा करना एक आयुर्वेदिक चिकित्सक को खासा महंगा पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना किया है। साथ ही कहा है कि ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता ने प्रचार (Publicity) के लिए यह याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने हरियाणा के आयुर्वेदिक डॉक्टर ओमप्रकाश वैद्य ज्ञानतारा पर यह कार्रवाई की है। दरअसल, डॉक्टर ज्ञानतारा ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से गुहार की थी कि सभी अस्पतालों और डॉक्टरों को उनकी दवा का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया जाए। शीर्ष अदालत ने इस तरह की याचिका दायर करने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसी याचिका दायर करने की कोशिश करने वालों के लिए संदेश देना जरूरी है। इस तरह की याचिका दायर करने पर रोक लगनी चाहिए। पीठ ने याचिकाकर्ता पर न्यायिक समय का नुकसान करने के कारण 10 हजार रुपये का जुर्माना किया है। जुर्माने की रकम को चार सप्ताह के भीतर एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड वेलफेयर फंड में जमा करना होगा।
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