पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कांटे की टक्कर के बाद राजग ने 243 में से 125 सीटों पर कब्जा जमाया। इसके साथ ही बिहार में एक बार फिर राजग की सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया। सोमवार को सायंकाल मुख्‍यमंत्री के रूप में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नीतीश कुमार ने शपथ ली तो बतौर उपमुख्‍यमंत्री भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी ने शपथ ली। नीतीश कुमार ने सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नीतीश कुमार के अलावा 14 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। शपथ लेने वाले मंत्रियों में भाजपा के सात और जेडीयू के छह नाम शामिल हैं। हिंदुस्‍तानी आवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के एक-एक मंत्री ने भी शपथ ली। बिहार के इतिहास में पहली बार राजग ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर दो उप मुख्यमंत्री बनाए हैं। विधानसभा अध्‍यक्ष का पद भाजपा के खाते में गया है और नंद किशोर यादव का इस पद पर आसीन होना तय माना जा रहा है।

कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद और बेतिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक रेणु देवी उपमुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश मंत्रिपरिषद का हिस्सा बने है। भाजपा कोटे से ये दोनों उपमुख्यमंत्री चौथी बार विधायक चुने गए हैं। हालांकि बिहार के इतिहास में
पहली बार एक महिला ने बतौर उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।  

तारकिशोर प्रसाद

भाजपा विधानमंडल दल के नेता सह उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले तारकिशोर प्रसाद कटिहार से चौथी बार विधायक बने हैं। 1974 में ललित नारायण विश्वविद्यालय से इंटर पास तारकिशोर प्रसाद 1980 के दशक से ही राजनीति एवं सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। वे पहली बार फरवरी 2005 में कटिहार से विधायक बने। इसके बाद अक्टूबर 2005 और साल 2010 में भी विधायक बने। साल 2015 में महागठबंधन की लहर में भी तारकिशोर ने चुनाव जीता। 2020 में वे चौथी बार कटिहार से विधायक चुने गए हैं। संगठन में कई पदों पर रह चुके तारकिशोर प्रसाद अप्रत्याशित रूप से पार्टी के विधानमंडल दल के नेता चुने गए। शांत स्वभाव पर विभिन्न मोर्चों पर पार्टी का मजबूती से पक्ष रखना इनकी खासियत है।

रेणु देवी

राज्य की पहली महिला उपमुख्यमंत्री रेणु देवी बेतिया विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार विधायक निर्वाचित हुई हैं। वर्ष 2000 में पहली बार विधायक बनीं रेणु देवी 2005 और 2010 में विधायक निर्वाचित हुईं, लेकिन साल 2015 में दो हजार से भी कम मतों से चुनाव हार गई थीं। इस बार वे फिर बेतिया से चुनी गईं हैं। 1977 में मुजफ्फरपुर विवि से इंटर पास रेणु देवी 1988 से ही राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। उनकी मां संघ परिवार से जुड़ी थीं। ननिहाल से ही उनका भाजपा और संघ से लगाव हुआ। रेणु देवी संगठन में महिला मोर्चा की अध्यक्ष, तीन राज्यों में महिला मोर्चा की प्रभारी, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य से लेकर अमित शाह के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमेटी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। वे 2005 से 2009 तक राज्य की खेल, कला एवं संस्कृति मंत्री भी रह चुकी हैं। 

जदयू कोटे के मंत्री

चौथे नंबर पर मंत्री पद की शपथ लेने वाले विजय चौधरी पहले विधानसभा अध्यक्ष थे। वे नीतीश कुमार के बेहद करीबी हैं और समस्तीपुर जिले के सरायरंजन से विधायक बने हैं। पांचवें नंबर पर जेडीयू कोटे से बिजेंद्र यादव ने मंत्री पद की शपथ ली। वे पिछली सरकार में उर्जा मंत्री रह चुके हैं। वे सुपौल से लगातार 1990 से विधायक हैं। छठे नंबर पर अशोक चौधरी ने शपथ ली है। वे महादलित समुदाय से हैं। पहले वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। बाद में नीतीश कुमार के साथ आ गए। अभी जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। सातवें नंबर पर मेवालाल चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली। वे मुंगेर के तारापुर से जेडीयू के विधायक हैं। उनकी पत्नी भी विधायक रह चुकी हैं। आठवें नंबर पर फुलपरास की जेडीयू विधायक शीला कुमारी ने शपथ ली।

हम और वीआइपी से एक-एक मंत्री

हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा के अध्‍यक्ष जीतनराम मांझी के पुत्र संतोष सुमन की बारी नौवें नंबर पर आई। संतोष एमएलसी हैं। विकासशील इनसान पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी ने 10वें नंबर पर शपथ ली। हालांकि वे चुनाव हार चुके हैं।

भाजपा कोटे के मंत्री

मंगल पांडेय ने 11वें नंबर पर शपथ ली। वे भी एमएलसी हैं और पिछली सरकार में भी मंत्री थे। 12वें नंबर पर भाजपा कोटे से रामसूरत राय मंत्री बनाए गए हैं। वे औराई से दूसरी बार जीतकर आए हैं। उन्‍होंने माले के मोहम्मद आफताब को हराया है। आरा से भाजपा विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने भी शपथ ली। राजपूत जाति के अमरेंद्र के पिता हरिहर सिंह बिहार के मुख्‍यमंत्री रह चुके हैं। भाजपा के रामप्रीत पासवान ने भी मंत्री पद की शपथ ली। वे मधुबनी के राजनगर से विधायक हैं और दलित समुदय से हैं। जीवेश मिश्रा दगभंगा के जाले से विधायक हैं और लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं।

error: Content is protected !!