नई दिल्ली । याकूब मेनन की फांसी पर कांग्रेसी नेताओं दिग्विजय सिंह और शशि थरूर की टिप्पणियों के लिए भाजपा ने आज उनकी आलोचना की है और कहा है कि इन नेताओं की टिप्पणियां उन लोगों का ‘अपमान’ है, जो आतंकवाद से छुटकारा पाना चाहते हैं। भाजपा ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर किसी भी तरह की राजनीति खेदजनक है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सिंह की टिप्पणियों के लिए उनपर हमला बोलते हुए कहा, ‘न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने की कोशिश की जा रही है।’ उन्होंने कहा कि सिंह की कोशिश न्यायिक प्रक्रिया और राजनीति को एक ही पंक्ति में ला खड़ा करने की है। ‘यह खेदजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है।’
प्रसाद ने कहा कि उन्होंने फांसी के खिलाफ थरूर के ट्वीटों को नजरअंदाज करने का फैसला किया है। कांग्रेस के सांसद ने इस फांसी को ‘सरकार प्रायोजित हत्या’ करार दिया था। प्रसाद ने कहा कि वह सिंह की टिप्पणियों से कहीं ‘ज्यादा परेशान’ हैं क्योंकि वह कांग्रेस के महासचिव हैं, 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं और पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के ‘सलाहकार’ हैं।
प्रसाद के मंत्रिमंडलीय सहयोगी राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि वह थरूर की टिप्पणियों पर हैरान हैं। उन्होंने इन टिप्पणियों को ‘अजीब’ करार दिया। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा, ‘क्या आतंकवाद को राजनीति से परे रख सकते हैं? क्या संसद के एक वरिष्ठ सदस्य के एक ट्वीट से न्याय प्रक्रिया को खारिज किया जा सकता है?’ उन्होंने कहा कि मेमन के मामले में न्यायिक प्रक्रिया को पूरा किए जाने के बाद उसे आज फांसी दी गई है।
प्रसाद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने रात तीन बजे सुनवाई की, जो कि अभूतपूर्व थी। इस सुनवाई में न्यायालय ने उसी फांसी पर रोक लगाने के लिए उसके वकीलों द्वारा किए जा रहे अंतिम प्रयासों को भी खारिज कर दिया। थरूर पर निशाना साधते हुए रूडी ने कहा कि वह कई मामले देखते रहे हैं और उन्हें कानूनी प्रक्रिया का पता होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘अगर उन्हें ऐसा लगता है तो उन्हें सही समय पर हस्तक्षेप करना चाहिए था। उन्हें ऐसे समय पर किसी मुद्दे पर बहस नहीं करनी चाहिए, जब कि उसका निपटान हो चुका है।’ भाजपा के सचिव श्रीकांत शर्मा दोनों नेताओं की टिप्पणी के लिए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और कहा कि विपक्षी दल आतंकवाद पर हमेशा एक अलग ही स्वर में बोला है।
शर्मा ने कहा, ‘चाहे मणिशंकर अय्यर हों या दिग्विजय..और आज थरूर की भी टिप्पणी आ गई, वे (कांग्रेस) हमेशा ही आतंकवादियों के लिए बोलती नजर आई है। उनके आज के बयानों से यह साफ है कि वे उन शांतिप्रिय लोगों का अपमान कर रहे हैं, जो आतंकवाद से छुटकारा पाना चाहते हैं।’
एजेन्सी