नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट (बहीखाते) में रक्षा बजट में कोई बढ़ेत्तरी नहीं की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान सशस्त्र सोनाओं के लिए एक शब्द भी नहीं कहा। मंत्रालय की ओर से जारी की गई रिलीज में सिर्फ एक बात का ही जिक्र किया गया कि भारत में निर्मित रक्षा उपकरण मूल सीमा शुल्क से मुक्त नहीं रखे जाएंगे।
दरअसल, यह व्यवस्था लागू की थी कि अब तीनों सेना प्रमुख 300 करोड़ रुपये तक की खरीद-फरोख्त अपने स्तर से कर सकते हैं। इसके लिए किसी तरह के एप्रुवल की जरूरत नहीं होगी और वे अपने हिसाब से सेना के लिए जरूरी उपकरण खरीद सकेंगे। पिछली बार रक्षा बजट 2.7 लाख करोड़ रूपये का था जो अब बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है।