नई दिल्ली। कांग्रेस समेत देश के 17 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने यह जानकारी दी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुक्रवार को बजट सत्र का आगाज होगा। विपक्षी दलों के नेताओं ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार अहंकारी, अड़ियल और अलोकतांत्रिक बनी हुई है। सरकार की असंवेदनशीलता से स्तब्ध हम विपक्षी दलों ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग दोहराते हुए और किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए यह फैसला किया है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया जाएगा।’’
ये दल करेंगे बहिष्कार
कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, राजद, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस (एम) और एआईयूडीएफ। आम आदमी पार्टी (AAP, आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने इस फैसले पर कहा कि उनकी पार्टी ने कृषि कानूनों का विरोध किया और आगे भी करेगी। उन्होंने कहा, “हम लोग तीन कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं और करते रहेंगे, इसलिए आम आदमी पार्टी महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी और हमारे लोकसभा के सदस्य भगवंत मान और राज्यसभा के हम तीन सदस्य कल (शुक्रवार) राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।”