नई दिल्ली, 23 फरवरी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद को जनता की सर्वोच्च आकांक्षाओं का प्रतीक बताते हुए आज कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में वाद विवाद और चर्चा जरूरी है, न कि अवरोध पैदा करना। उन्होंने साथ ही सभी सांसदों से अनुरोध किया कि वे सहयोग और आपसी सद्भावना के साथ अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करके एक समृद्ध भारत बनाने का प्रयास करें।
बजट सत्र के पहले दिन संसद के संयुक्त अधिवेशन में अपने अभिभाषण मे राष्ट्रपति ने मोदी की सरकार की उपलब्धियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत विश्वबैंक की कारोबार सुगमता की सूची में 12 स्थान उपर आ गया है जबकि देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई ।
राष्ट्रपति ने हाल में पठानकोठ वायु सेना स्टेशन पर हुए आतंकवादियों के हमले को सफलतापूर्वक निष्फल करने के लिए सुरक्षा बलों को बधाई देते हुए कहा, ‘ मेरी सरकार देश की सुरक्षा से संबंधित सभी चुनौतियों से सख्ती से निपटने के लिए कृत संकल्प है। आतंकवाद विश्वव्यापी खतरा है और इसे पूरी तरह से समाप्त करने के लिए विश्व स्तर पर आतंकवाद निरोधी कठोर उपाए किये जाने की आवश्यकता है।’
उन्होंने कहा, ‘मेरी सरकार पाकिस्तान के साथ सम्मानजनक आपसी संबंध बढ़ाने और सीमापार आतंकवाद का सामना करने के लिए सहयोग का माहौल तैयार करने के प्रति कृत संकल्प है । ’ प्रणब ने कहा, ‘ मेरी सरकार पड़ोसी देशों के सुरक्षित और समृद्ध भविष्य में विश्वास रखती है। भारत, अफगानिस्तान को स्थायी, समावेशी और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने में अफगानिस्तान की जनता का सहयोग करने के प्रति वचनबद्ध है। ’
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार पाकिस्तान के साथ सम्मानजनक आपसी संबंध बढ़ाने और सीमापार आतंकवाद का सामना करने के लिए सहयोग का माहौल तैयार करने के प्रति कृत संकल्प है, साथ ही सीमापार के आतंकवाद के कारण उत्पन्न होनी वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सख्त और प्रभावी कदम उठाये जायेंगे।
संसद का बजट सत्र शुरू होने पर दोनों सदनों के केंद्रीय कक्ष में होने वाली संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति की ओर से किये जाने वाले अपने पारंपरिक संबोधन में प्रणब ने कहा, ‘ वसुधव कुटुम्बकम का अर्थ पूरा विश्व एक परिवार है और मेरी सरकार इस सिद्धांत के प्रति वचनबद्ध है। अपने पड़ोसी देशों के साथ सम्पर्क बढ़ाने के लिए उठाये गए हमारे कदमों में इस सिद्धांत की स्पष्ट झलक दिखाई देती है।