नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की नींव रखी। कांग्रेस पार्टी नए संसद भवन को लेकर आगबबूला है। कांग्रेस ने नए संसद भवन और पुराने संसद भवन की डिजाइन की तुलना करते हुए स्वदेशी और विदेशी का मुद्दा उछाला है। साथ ही कहा कि नया संसद भवन बनाना अंतिम संस्कार के वक्त डीजे बजाने जैसा है। नरेन्द्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना पर कांग्रेस की इस तीखी प्रतिक्रिया के बाद तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। कोई नई बिल्डिंग को गैर-जरूरी बता रहा है तो कोई सरकार के फैसले के साथ खड़ा है।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने गुरुवार को ट्वीट किया कि कि अंग्रेजों का बनाया मौजूदा संसद भवन मध्य प्रदेश के मुरैना स्थित चौसठ योगिनी मंदिर जैसा दिखता है, लेकिन नए “आत्मनिर्भर” संसद भवन का प्रारूप वॉशिंगटन डीसी स्थित पेंटागन (अमेरिकी सरकार के रक्षा विभाग) से मिलता-जुलता है।
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने नए संसद भवन को ट्वीट कर लिखा कि नई इमारत की आधारशिला रखने का फैसला संवेदनहीन, हृदयहीन और बेशर्मी से भरा है। खासकर ऐसे समय में जब देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। भाजपा लोगों को राहत देने के बजाय फालतू जुलूस निकाल रही है। उन्होंने कहा, “सरकार का ये कदम अंतिम संस्कार के वक्त डीजे बजाने के बराबर है। एक तरफ, काले कृषि कानूनों के जरिए भाजपा ने किसानों की आजीविका पर बुलडोजर चला दिया, दूसरी तरफ वह जनता का पैसा भवन निर्माण पर खर्च कर रही है, जिसकी जरूरत नहीं थी, लेकिन वह ऐसा कर रही है अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए।”
जयवीर शेरगिल ने कहा कि महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में नए संसद भवन की आधारशिला रखने का काम किसानों से रोटी छीनने के बाद केक की दुकान खोलने जैसा है।
मूल्यों को रौंदकर बनाई जाएगी नई इमारत : रणदीप सुरजेवाल
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने NBT Online के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया और कहा, “डियर पीएम, संसद मोर्टार और पत्थर नहीं है; यह लोकतंत्र, संविधान, आर्थिक-राजनीतिक-सामाजिक समानता का प्रतीक है। यह 130 करोड़ भारतीय की आकांक्षा का प्रतीक है।” उन्होंने पूछा, “इन मूल्यों को रौंदकर बनाई गई इमारत क्या दिखाती है?”