नई दिल्ली : (Sedition charges against Sharjeel Imam) भड़काऊ भाषण मामले में शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलेगा। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को उसके खिलाफ राजद्रोह समेत आईपीसी की अन्य कई धाराओं में आरोप तय किये। वह जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में है। यह मामला नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी के जामिया इलाके और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने से जुड़ा है।
ऐडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने आईपीसी की धारा 124A (राजद्रोह), 153A (धर्म के आधार पर समूहों में वैमनस्यता फैलाना), 153B (देश की अखंडता के खिलाफ बयान देने), 505 (शरारत भरे बयान) के अलावा धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सजा) के तहत आरोप तय किए।
अपने को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाला जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2020 में एफआईआर दर्ज की थी। बाद में उसमें यूएपीए (UAPA) की धाराएं भी जोड़ी गईं। एफआईआर के अनुसार, कथित भड़काऊ भाषण दो जगहों पर दिए गये। शरजील इमाम ने 13 दिसंबर 2019 को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में भाषण दिया। इसके बाद 16 जनवरी 2020 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में।
दिल्ली दंगों के मास्टरमाइंड होने का भी आरोप
जामिया विश्वविद्यालय में 13-14 दिसंबर 2019 को हुई हिंसा को लेकर जामिया नगर पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने 25 जुलाई 2020 को इस मामले में चार्जशीट दायर की थी। चार्जशीट में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13 भी जोड़ी गई। इस मामले के अलावा शरजील इमाम पर फरवरी 2020 के दंगों का मास्टरमाइंड होने का भी आरोप है। दिल्ली में हुए इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे।