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केंद्र का निर्देश : कोविड अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई कोई नहीं रोक सकता, औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक

नई दिल्ली। देश भर के  कोविड (कोरोना) अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑक्सीजन की उपलब्धता और इसकी आपूर्ति को लेकर गुरुवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इसमें ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाए जाने के रास्तों और विकल्पों पर चर्चा हुई। केंद्र ने निर्देश दिया है कि ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर किसी भी प्रकार का कोई अंकुश नहीं होगा। किसी एक राज्य विशेष के लिए ही आपूर्ति रोकी नहीं जा सकती। केंद्र सरकार ने इसी के साथ औद्योगिक इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन के प्रयोग पर पूरी तरह रोक लगा दी है। पहले के आदेश में 9 विशेष उद्योगों को इसकी छूट दी गई थी।

दिल्ली सरकार ने शिकायत की थी कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारें कोरोना की दूसरी लहर के बीच उसके यहां आने वाली मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक रही हैं और दिल्ली में ऑक्सीजन का स्टॉक तेजी से खत्म हो रहा है। केंद्र सरकार ने इसको देखते हुए यह आदेश दिया है कि ऑक्सीजन ले जा रहे वाहनों को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच बिना किसी रोक टोक के आवाजाही की इजाजत होगी.

केंद्र ने कहा कि कोई भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश अपने यहां स्थित ऑक्सीजन प्लांट के उत्पादक या आपूर्तिकर्ता को सिर्फ उसके यहां के अस्पतालों के लिए नहीं सप्लाई करने के लिए रोक नहीं सकता। मेडिकल ऑक्सीजन ले जा रहे वाहनों की आवाजाही में किसी भी प्रकार का कोई अड़ंगा नहीं लगाया जा सकता। 

 प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी एक बयान के मुताबिक, इस बैठक में प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने, उसके वितरण की गति तेज करने और स्वास्थ्य सुविधाओं तक उसकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तेज गति से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस दौरान अधिकारियों ने पिछले कुछ सप्ताहों में ऑक्सीन की आपूर्ति बेहतर करने की दिशा में उठाए गए कदमों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया।

बयान के मुताबिक ,प्रधानमंत्री को बताया गया कि राज्यों की ऑक्सीजन की मांग और उसके अनुसार उसकी पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी राज्य सरकारों के साथ सहयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री को यह भी बताया गया कि कैसे राज्यों की ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ रही है। बयान के मुताबिक, 20 राज्यों की ओर से प्रतिदिन 6785 मीट्रिक टन तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन की वर्तमान मांग के मुकाबले 21 अप्रैल से उन्हें 6822 मीट्रिक टन प्रतिदिन आवंटित की जा रही है।

दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर हाईकोर्ट  में गुरुवार को सुनवाई हुई। केंद्र ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभी एक आदेश जारी किया गया है कि कहीं भी ऑक्सीजन को रोका नहीं जाएगा। केंद्र का आदेश सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को भेजा गया है। वहीं हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि दिल्ली को ऑक्सीजन देने के आदेशों का कड़ाई से पालन कराया जाए। हाईकोर्ट ने सभी संबंधित एजेंसियों को ऑक्सीजन को बाधित न करने के केंद्र के आदेश का पालन करने को कहा। हाईकोर्ट ने कहा कि आदेशों का पालन न करने पर आपराधिक कार्रवाई होगी। हाईकोर्ट ने केंद्र को ऑक्सीजन परिवहन के लिए स्पेशल कॉरिडोर बनाने और ऑक्सीजन वाहनों को पर्याप्त सुरक्षा देने को कहा है।

gajendra tripathi

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