नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को कोरोना संक्रमित परिवारीजन की देखभाल करने के लिए 15 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश (Special casual leave,SCL) देने की घोषणा की है। कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश में यह जानकारी दी गई है कि अगर केंद्र सरकार के किसी कर्मचारी के माता-पिता या अन्य परिवारीजन कोरोना पॉजिटिव हो जाते हैं तो उनकी की देखभाल के लिए 15 दिनों का एससीएल  दिया जा सकता है।

आदेश में कहा गया है, “अगर केंद्र सरकार के किसी स्टाफ के परिवारीजन को कोरोना वायरस संक्रमण होने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है तो 15 दिन के विशेष आकस्मिक अवकाश के बाद भी उन्हें किसी तरह का बकाया अवकाश मिल सकता है। वह अस्पताल से अपने परिवारीजन के डिस्चार्ज होने तक इस तरह की छुट्टियां ले सकता है।

ये है अवकाश का व्यवस्था

अगर कोई सरकारी कर्मचारी खुद कोरोना पॉजिटिव हो जाता है तो उसे 20 दिन की सीधी छुट्टी मिल सकती है। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद होम आइसोलेशन या क्वारंटीन में रहने पर भी यह छुट्टी ली जा सकती है। अगर कोई सरकारी स्टाफ कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया है और होम आइसोलेशन के बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है तो उसे कोरोना वायरस संक्रमण के बाद से ही 20 दिन तक की कमयूटेड लीव/एससीएल/अर्न्ड लीव आदि मिल सकती है। आदेश में कहा गया है, “अगर कोरोना संक्रमित स्टाफ अस्पताल में भर्ती हो जाता है और उसे 20 दिन से अधिक भर्ती रहना पड़ता है तो उसे अस्पताल में भर्ती रहने का सबूत दिखाने पर कमयूटेड लीव दी जा सकती है।” किसी स्टाफ को विशेष आकस्मिक अवकाश के रूप में 15 दिन की छुट्टी दी जा सकती है, अगर उसका कोई परिवारीजन या मता-पिता कोविड-19 से संक्रमित पाये जाते हैं। इस आदेश में आगे कहा गया है कि अगर कोई सरकारी स्टाफ किसी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के सीधे संपर्क में आता है और इस वजह से होम आइसोलेशन में रहता है उसे शुरुआती 7 दिन तक ऑन ड्यूटी माना जाएगा।

error: Content is protected !!