नई दिल्ली। टूलकिट और सोशल मीडिया गाइडलाइंस को लेकर विवादों में घिरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर अब एफआईआर दर्ज की जा सकती है। दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने बाल यौन शोषण से जुड़े कुछ लिंक्स के सिलसिले में ट्विटर से जवाब मांगा था लेकिन ट्विटर ने कुछ भी बतलाने से इन्कार कर दिया। इससे नाराज आयोग ने दिल्ली पुलिस को ट्विटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को कहा है।

आयोग ने दिल्ली पुलिस को भेजी अपनी शिकायत में कहा है कि ट्विटर पर बाल यौन शोषण के कुछ लिंक मिले हैं। इसके अलावा डार्क वेब पर क्रिएट किए गए कुछ लिंक भी ट्विटर पर दिखाई दिए हैं। जब आयोग ने इस बारे में ट्विटर से जवाब मांगा तो उसने स्पष्ट कह दिया कि ट्विटर इंडिया इस मामले में जवाब नहीं दे सकता है जबकि आयोग की जांच में पता चला कि ट्विटर इंडिया के 99 प्रकिशत शेयर ट्विटर के पास हैं। इसके बाद बाल आयोग ने ट्विटर के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की।

आयोग ने की थी अकाउंट्स डिलीट करने की मांग

बाल आयोग ने आईटी मंत्रालय को भी इस बारे में जानकारी दी है। आयोग ने मंत्रालय से कहा है कि वह ऐसे अकाउंट ट्विटर से हटा दिए जाएं जिनका इस्तेमाल शायद अभी बच्चे कर सकते हैं। आयोग ने कहा कि जब तक ट्विटर से ये जवाब या आश्वासन नहीं मिल जाता है कि बाल यौन शोषण से जुड़े इन लिंक्स की समस्या दूर की जाएगी या इससे बच्चों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, तब तक इन अकाउंट्स को हटा दिया जाए।

आयोग का आरोप- ट्विटर ने दी झूठी जानकारी

बाल आयोग ने कहा कि ट्विटर इंडिया के दो डायरेक्टर ट्विटर अमेरिका के वेतनभोगी कर्मचारी हैं। हमें पता चला कि ट्विटर ने हमें जांच के दौरान झूठी जानकारी दी। बाल अधिकार संरक्षण कानूनों का उल्लंघन किया। इसके बाद हमने दिल्ली पुलिस को मुकदमा दर्ज करने और आयोग को इसकी सूचना देने को कहा है।

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