नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा सीमा पर किसानों के आंदोलन का आज गुरुवार को आठवां दिन है। किसानों की सरकार के साथ बातचीत भी हो रही है। इस बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल (92) ने किसानों के समर्थन में पद्मविभूषण लौटा दिया है। उनको 2015 में यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड मिला था। गौरतलब है कि बादल की पार्टी शिरोमणि अकाली दल 22 साल से राजग (NDA) के साथ थी, लेकिन कृषि कानूनों के विरोध में सितंबर में गठबंधन से अलग हो गई थी। इससे पहले 17 सितंबर को बादल की पुत्रवधू हरसिमरत कौर बादल ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

उधर, 40 किसानों नेताओं की सरकार के साथ विज्ञान भवन में बातचीत चल रही है। सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अध्यक्षता कर रहे हैं। बैठक से पहले तोमर ने कहा कि किसानों से चर्चा का सकारात्मक नतीजा निकलेगा।

जल्द हल निकालें, देश की सुरक्षा पर असर पड़ रहा : अमरिंदर बोले

गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि गृह मंत्री से किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान निकालने की अपील की है। इस मुद्दे से पंजाब की आर्थव्यवस्था और देश की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। किसानों से भी अपील की है कि जल्द मामला सुलझाएं। पंजाब मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने बताया कि अमरिंदर ने एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) आधारित मंडी सिस्टम को जारी रखते हुए न्यूनतन समर्थन मूल्य (MSP) को बचाने पर जोर दिया। गृह मंत्री से अपील की कि खुले दिल से किसानों की बात सुनकर जल्द विवाद सुलझाएं, ताकि किसान अपने घरों को लौट सकें।

उधर किसानों के साथ बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी मौजूद हैं। मीटिंग से पहले सोम प्रकाश ने कहा था कि बातचीत से ऐसा समाधान निकलने की उम्मीद है, जो किसानों और सरकार को भी मंजूर हो। सरकार कह चुकी है कि MSP की व्यवस्था जारी रहेगी और यह बात लिखित में देने को भी राजी है।

एक दिसंबर को सरकार ने पंजाब और UP के किसानों से अलग-अलग बात की थी। यह बैठक बेनतीजा रही थी। किसान नेता आरोप लगा रहे हैं कि सरकार समाधान की जगह साजिश रच रही है। वह किसानों से अलग-अलग बैठक कर उन्हें बांटना चाहती है।

किसानों ने आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया

किसानों की सरकार से आज चौथी और दिल्ली सीमा पर आंदोलन शुरू करने के बाद दूसरी बातचीत हो रही है। इस बैठक के लिए सरकार और किसान बुधवार को दिनभर रणनीति बनाते रहे। किसानों ने 5 बार और सरकार ने 2 बार बैठकें कीं। किसानों ने कृषि कानूनों में आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया है।

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