नई दिल्ली। बसीरहाट से टीएमसी की नई सांसद नुसरत जहां , गुरुवार को इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ कृष्ण कांसियसनेस (इस्कॉन) की रथ यात्रा में अपने पति निखिल जैन के साथ शामिल हुईं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कार्यक्रम का उद्धाटन किया। इस साल कार्यक्रम में नुसरत को भी आमंत्रित किया गया था।
पारंपरिक साड़ी, मंगलसूत्र, और चूड़ी पहने नवविवाहित तृणमूल सांसद ने बनर्जी और अन्य गणमान्य लोगों के साथ रथ यात्रा के सभी रस्मों में भाग लिया। गुरुवार शाम को यहां के एक पांच सितारा होटल में नुसरत अपनी शादी का रिसेप्शन देने वाली हैं। उन्होंने कहा, “मैं सौभाग्यशाली हूं, जो इस्कॉन द्वारा मुझे आमंत्रित किया गया और मैं इस कार्यक्रम का हिस्सा बन कर गौरवांवित महसूस कर रही हूं। पश्चिम बंगाल सभी धार्मिक आयोजन साथ मिलकर बिना किसी सांप्रदायिक मतभेद के मनाता है। “
इस साल राज्य की राजधानी में इस्कॉन 48वां रथ यात्रा मना रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यहां बृहस्पतिवार को इस्कॉन रथयात्रा उत्सव का उद्घाटन करते हुए धार्मिक सद्भाव और एकजुटता का आह्वान किया। बनर्जी के साथ नवनिर्वाचित सांसद नुसरत जहां और उनके पति निखिल जैन भी थे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता और एकजुटता ही वास्तविक धर्म है। ’
लोगों से शांति और एकता के मार्ग पर चलने का आग्रह करते हुए इस मौके पर बनर्जी ने सभी की कुशलता की कामना की। उन्होंने इस्कॉन के अल्बर्ट रोड सेंटर से रथ यात्रा उत्सव की शुरुआत से पहले ‘‘जय जगन्नाथ’’, ‘‘जय हिंद’’ और ‘‘जय बांग्ला’’ के नारे लगाये। साड़ी, लाल रंग की चूड़ियाँ, और ‘‘मंगलसूत्र’’ पहने और सिंदूर लगाये नुसरत ने रथयात्रा की रस्मों में हिस्सा लिया। नुसरत जहां के पति उनके साथ थे जो सफेद कुर्ता पायजामा पहने हुए थे।
बशीरहाट की सांसद ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में हम जाति, पंथ या धर्म से ऊपर उठकर त्योहारों में भाग लेते हैं। बंगाल एकता का प्रतीक है.’ संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए नुसरत जहां सिंदूर लगाकर और ‘‘मंगलसूत्र’’ पहनकर आई थी जिसके लिए वह ‘‘ट्रोल’’ हुई थी। इन आलोचनाओं पर सांसद ने ट्वीट किया था कि उन्होंने एक ‘‘समावेशी भारत’’ का प्रतिनिधित्व किया…जो जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर है। नुसरत जहां ने रथ यात्रा समारोह के लिए उन्हे आमंत्रित करने के लिए इस्कॉन के प्रति आभार जताया और उन्होंने सभी को अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को एक साथ आगे बढ़ना चाहिए और एक साथ रहना सीखना चाहिए … जय जगन्नाथ। ’