नई दिल्ली। कोयला घोटाले से जुड़े एक मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे (Dilip Ray) सहित तीन लोगों को सीबीआई की विशेष अदालत ने 3 साल की सजा सुनाई है। वर्ष 1999 में झारखंड में एक कोयला ब्लॉक आवंटन (Jharkhand coal block allocation case) में अनियमितताओं के इस मामले में इन लोगों को हाल ही में दोषी करार दिया गया था।
विशेष न्यायाधीश भारत पराशर ने सजा सुनाते हुए सभी दोषियों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल) पर 60 लाख और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने इन दोनों कंपनियों को भी दोषी करार दिया था।
कोयला घोटाले में मिलने वाली यह पहली सजा है। जज ने कहा कि दिलीप ने कानून का उल्लंघन करते हुए सीटीएल के पक्ष में छोड़ दिए गए गैर-राष्ट्रीयकृत कोयला खनन क्षेत्र के बेईमानी से आवंटन की सुविधा प्रदान की है।यह मामला 1999 में झारखंड के गिरिडीह में ब्रह्मडीह कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित है।
दिलीप रे के वकील मनु शर्मा ने कहा कि वह जमानत के लिए बड़ी अदालत जा रहे हैं और इस फैसले के खिलाफ अपील भी करेंगे। गौरतलब है कि दिलीप रे अटल बिहीर वाजपेयी की सरकार में मंत्री थे।