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कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल करेगी कांग्रेस : दिग्विजय सिंह

नई दिल्ली। क्लब हाउस चैट के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक ऑडियो ने सनसनी फैला दी है। कांग्रेस भी कठघरे में खड़ी होती नजर आ रही है। इस ऑडियो में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले पर बोल रहे हैं। इस कथित ऑडियो में वह कह रहे हैं कि यहां से जब अनुच्छेद 370 हटाई गई, तब लोकतंत्रिक मूल्यों का पालन नहीं किया गया। इस दौरान न ही इंसानियत का तकाजा रखा गया और इसमें कश्मीरियत भी नहीं थी। सभी को कालकोठरी में बंद कर दिया गया। अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई, तो हम इस फैसले पर फिर से विचार करेंगे और अनुच्छेद 370 लागू करेंगे।

भाजपा नेता और पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दिग्विज सिंह के कथित क्लब हाउस चैट का ऑडिया जारी किया है। अमित मालवीय ने क्लब हाउस चैट का एक हिस्सा ट्विटर पर शेयर किया और लिखा, “क्लब हाउस चैट में, राहुल गांधी के शीर्ष सहयोगी दिग्विजय सिंह एक पाकिस्तानी पत्रकार से कहते हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वे अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे।वास्तव में? यही तो पाकिस्तान चाहता है…।” 

पाकिस्तानी पत्रकार ने पूछा था सवाल

दिग्विजय देश-विदेश के कुछ पत्रकारों से वर्चुअली बात कर रहे थे। इस दौरान शाहजेब जिल्लानी ने अनुच्छेद 370 से जुड़ा एक सवाल कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से पूछा। दावा किया जा रहा है कि जिल्लानी एक पाकिस्तानी पत्रकार हैं। जिल्लानी ने पूछा था कि जब मौजूदा सरकार जाती है और भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद दूसरा प्रधानमंत्री मिल जाता है, तो कश्मीर पर आगे का रास्ता क्या होगा? मुझे पता है कि अभी भारत में जो हो रहा है, उसके कारण यह हाशिये पर है। हालांकि, यह एक ऐसा मुद्दा है जो दोनों देशों के बीच इतने लंबे समय से मौजूद है।

ट्विटर प्रोफाइल के मुताबिक, जिल्लानी पूर्व बीबीसी संवाददाता हैं और जर्मनी में रहते हैं। वे पाकिस्तान, बेरूत, वॉशिंगटन और लंदन में काम कर चुके हैं। इससे पहले वह DW न्यूज से भी जुड़े रह चुके हैं। हालांकि, दिग्विजय सिंह को अपना परिचय देते हुए उन्होंने कहा था कि वह इस वक्त DW न्यूज के लिए काम कर रहे हैं और पाकिस्तान के सिंध में उनका जन्म हुआ था।

धार्मिक कट्टरवाद समाज के लिए खतरनाक : दिग्विजय

जिल्लानी के सवालों के जवाब में दिग्विजय ने कहा, “मैं मानता हूं कि जो चीज समाज के लिए खतरनाक है, वह है धार्मिक कट्टरवाद। चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख किसी से भी जुड़ी हो। धार्मिक कट्टरवाद नफरत की ओर ले जाता है, और नफरत से हिंसा होती है।“

उन्होंने कहा, “हर समाज और धार्मिक समूह को यह समझना होगा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी परंपरा और विश्वास का पालन करने का अधिकार है। किसी को भी अपनी आस्था, भावनाएं या धर्म किसी पर थोपने का अधिकार नहीं है।”

फैसले पर फिर से विचार करना होगा : दिग्विजय

दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुस्लिम बहुल राज्य में एक हिंदू राजा था। दोनों ने साथ काम किया। दरअसल, कश्मीर में सरकारी सेवाओं में कश्मीरी पंडितों को आरक्षण दिया गया था। इसलिए अनुच्छेद-370 को रद्द करना और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा कम करना अत्यंत दुखद निर्णय है। हमें निश्चित रूप से इस मुद्दे पर फिर से विचार करना होगा।

भाजपा का सवाल- क्या यह कांग्रेस का भी स्टैंड?

दिग्विजय सिंह की इन बातों पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के क्लब हाउस स्टेटमेंट पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी क्या सोचते हैं? क्या कांग्रेस का भी यही स्टैंड है? हम मांग करते हैं कि राहुल गांधी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करें और स्पष्टीकरण दें।

पात्रा ने कहा- सबकुछ पहले से ही तय था

संबित पात्रा ने कहा, “पूरी संभावना है कि आज जो दिग्विजय सिंह ने जो कहा है उसके लिए पहले से स्टेज मैनेज रहा होगा। उस पत्रकार से दिग्विजय सिंह या कांग्रेस के बड़े नेता ने ऐसा सवाल पूछने के लिए कहा होगा। ये सभी उस टूलकिट का हिस्सा है। दिग्विजय जी ऐसे सवाल पर उस पत्रकार को धन्यवाद देते हैं और कहते हैं कि अगर मोदी जी सत्ता से हटते हैं और कांग्रेस की सरकार आती है तो वह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को फिर से स्थापित करेगी।”

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस का पहला प्यार पाकिस्तान है। दिग्विजय ने राहुल का संदेश पाकिस्तान तक पहुंचाया है। कांग्रेस कश्मीर को हथियाने में पाकिस्तान की मदद करेगी।

अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से हटाया गया था अनुच्छेद 370

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। जम्मू-कश्मीर में 20 और लद्दाख में 2 जिले लेह और करगिल शामिल किए गए।

gajendra tripathi

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