नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण की चेन को ब्रेक करने के लिए देश में लॉकडाउन-2 लागू है। लोग घरों में हैं और गर्मी बढ़ने लगी है। जाहिर है कि ऐसे में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल भी शुरू हो गया है। इस बीच केंद्र सरकार ने एयर कंडीशनर को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच घरेलू एयर कंडीशनर को इस्तेमाल करते समय 24-30 डिग्री सेंटीग्रेड के आदर्श तापमान को बनाए रखा जाना चाहिए। शुक्रवार को जारी इस एडवाइजरी में कहा गया है कि घरों और कार्यालय में एसी के उपयोग के दौरान सापेक्ष आर्द्रता 40-70 प्रतिशत के बीच रहनी चाहिए।

इस गाइडलाइन को इंडियन सोसायटी ऑफ हीटिंग रेफ्रिजरेटिंग एंड एयर कंडीशनर इंजीनियर्स (ISHRAE) द्वारा अध्ययन करके तैयार किया गया है जिसे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) द्वारा साझा किया गया था।

एसी-पंखे चलाते समय थोड़ी खुली रखें खिड़कियां

 एडवाइजरी में सुझाव दिया गया है कि कमरे के एयर कंडीशनर की ठंडी हवा का इस्तेमाल थोड़ी खुली खिड़कियों के जरिए से आने वाली बाहरी हवा के साथ होना चाहिए। शुष्क मौसम में सापेक्ष आर्द्रता 40 प्रतिशत से नीचे नहीं आने देनी है। पैनल का सुझाव है कि जब एसी नहीं चल रहा हो तो कमरों को हवादार रखा जाना चाहिए। इससे एसी की सेवा की आवृत्ति बढ़ाई जा सकती है। एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि बिजली के पंखे का उपयोग करते समय खिड़कियों को आंशिक रूप से खुला रखा जाना चाहिए। अगर कमरे में एग्जॉस्ट फैन है तो उसे चलाना चाहिए ताकि कमरे से हवा बाहर निकल सके। दस्तावेज में वाणिज्यिक और औद्योगिक सुविधाओं के लिए बाहरी हवा के साथ जितना संभव हो उतने वेंटिलेशन की सिफारिश की गई है।

व्यावसायिक प्रतिष्ठान बरतें ये सावधानी

एडवाइजरी में कहा गया है,  “लॉकडाउन से चलते अधिकतर व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं। ऐसे प्रतिष्ठानों में मेन्टेनस की जरूरत होगी ताकि इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य सुरक्षा दोनों सही रहें। लंबे समय तक लॉकडाउन के तहत प्रतिष्ठानों के एसी की नलिकाओं और खुले स्थानों पर जंक, काई, कवक आदि जमा हो गए होंगे जो स्वास्थ्य को खतरा पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा, बर्ड ड्रॉपिंग हो सकती है या नमी के चलते कीड़ों का स्तर भी बढ़ सकता है। ऐसे में व्यावसायिक प्रतिष्ठान अपने यहां एयर कंडीशनकर का इस्तेमाल करने से पहले मेन्टेनस करा लें।

 गाइडलाइन तैयार करने वाली टीम

 इस गाइडलाइन के दस्तावेज को तैयार करने के लिए एक कोविड-19 टास्क फोर्स ने देश की जलवायु परिस्थितियों से संबंधित जानकारी को निकाला और फिर उसका विश्लेषण किया। दस्तावेज तैयार करने वाली टीम में शिक्षाविदों, डिजाइनरों, निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं, स्वास्थ्य सुविधा और इनडोर वायु गुणवत्ता सुरक्षा जैसे विज्ञान से संबंधित विशेषज्ञ शामिल थे।

 
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