नयी दिल्लीः भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहे विदेशी मूल (foreign origin) के फल ड्रैगन फ्रूट (Dragon fruit) को लेकर एक बड़ी खबर है। चीन में वियतनाम से आयात किये गये ड्रैगन फ्रूट में कोविड का वायरस मिला है। बिजनेस स्टैंडर्ज की एक रिपोर्ट के मुताबिक झेजियांग और जियांग्शी प्रांतों के कम से कम 9 शहरों में वियतनाम से आये ड्रैगन फ्रूट में कोरोना वायरस के सैंपल मिले हैं। इसके बाद चीनी अथॉरिटीज ने देशभर में कई सुपरमार्केट पर ताला लगा दिया है।
चीनी प्रशासन ने आयात किये गये सभी खाद्य पदार्थों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। फल खरीदारों को आदेश दिया है कि वे खुद को क्वारैन्टाइन कर लें। हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोना वायरस खान-पान की चीजों से फैल रहा है लेकिन चीनी स्वास्थ्य अधिकारी हर तरह से सर्तकता बरत रहे हैं। गौरतलब है कि चीन ने पिछले साल भी वियतनाम से आने वाले ड्रैगन फ्रूट पर प्रतिबंध लगाया था। दिसंबर 2020 में ड्रैगन फ्रूट में कोरोना वायरस का ट्रेस मिलने के बाद 26 जनवरी 2021 तक इस फल पर प्रतिबंध लगाया गया था।
ओमीक्रोन को लेकर कई विशेषज्ञों का दावा है कि यह डेल्टा वैरिएंट की तुलना में हल्का है और अस्पतालों में वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ रही है। इन दावों के बीच अमेरिका के नामचीन डॉक्टर और महामारी विशेषज्ञ फहीम योनूस ने चेतावनी दी है कि इस वैरिएंट को हल्के में न लें क्योंकि उनके अस्पतालों में सारे वेंटिलेटर भर गए हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ मेरिलैंड में महामारी मामलों के प्रमुख डॉ फहीम ने बुधवार को ट्वीट करके बताया, “मेरे अस्पताल में आज 100 फीसदी वेंटिलेटर का इस्तेमाल कोरोना मरीजों द्वारा किया जा रहा है। मास्क पहनें, कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाएं और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।” फहीम उन दावों को खारिज करते हैं जिनमें कहा जा रहा है कि ओमीक्रोन से बचना किसी के लिए भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आप इस संक्रमण से बच सकते हैं और आपको इससे बचना चाहिए।
अमेरिका में बेलगाम बढ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऑफलाइन क्लासेज शुरू करने का फैसला यहां की टीचर्स यूनियन को पसंद नहीं आ रहा है। यहां क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों के बाद स्कूल खोले जाने है, लेकिन ज्यादातर पैरेंट्स और टीचर्स इसके पक्ष में नहीं हैं। इसकी वजह यह है कि देश में कोरोना के बाद ओमिक्रॉन का संक्रमण भी तेजी से फैल रहा है। हर दिन औसतन 8 लाख केस सामने आ रहे हैं। शिकागो में स्कूल मैनेजमेंट ने क्लासेज ओपन करने का आदेश जारी किया, लेकिन टीचर्स यूनियन ने ही इसका विरोध शुरू कर दिया। टीचर्स यूनियन ने कहा है कि इन हालात में स्कूल खोले गए तो क्लासरूम में कोई भी संक्रमण से नहीं बच पाएगा।
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