नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्टने सोमवार को दिल्ली और देश के कई अन्य राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते बिगड़ते हालात पर सुनवाई की। देश की सबसे बड़ी अदालत ने दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और असम में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को लेकर चिंता जताई। राज्य सरकारों से किए जा रहे उपाय के बारे में पूछा और गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार होगी।
दिल्ली में कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित दिखा। कहा- दिल्ली में पिछले दो हफ्तों में हालात काफी बिगड़े हैं। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कोविड-19 ने की खराब स्थिति को लेकर गुजरात और दिल्ली की खिंचाई की। साफ कहा कि कि अगर सावधानी नहीं बरती गई तो दिसंबर में स्थिति बहुत बुरी हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना मामलों के बढ़ने के बावजूद शादियों व अन्य समारोहों के लिए दी गई इजाजत पर गुजरात सरकार की खिंचाई की। फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद गुजरात में हालात सबसे खराब हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को उनके द्वारा उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। इसके अलावा क्या कुछ कदम उठाए जाने हैं और कोविड-19 स्थिति से निपटने के लिए केंद्र से आवश्यक मदद को लेकर भी सरकारों से जवाब मांगा गया है।
गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना वायरस से हालात बिगड़ रहे हैं और यहां संक्रमण के मामले 5.29 लाख के पार हो चुके हैं। दिल्ली सरकार द्वारा तमाम कोशिशें कोरोना वायरस को लेकर की जा रही है। इस बीच, महाराष्ट्र लगातार कोविड मामलों की संख्या के साथ देश में सबसे प्रभावित राज्य बना हुआ है। यहां रविवार को 5,753 नए मामलों के साथ अब कुल मामले 17.8 लाख को पार कर गए हैं। गुजरात में भी कोरोना वायरस के मामलों में हाल में बढ़ोतरी देखी गई है। राज्य सरकार को अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और वडोदरा जैसे शहरों में रात के कर्फ्यू लगाने के लिए मजबूर किया है। विजय रूपानी सरकार ने अब तक भी स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने का फैसला नहीं किया है।