नई दिल्ली। हरिद्वार के महाकुंभ मेले को जल्द ही खत्म किया जा सकता है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद साधु-संतों से अपील की है कि अब कुंभ को प्रतीकात्मक रखा जाए। प्रधानमंत्री ने महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी से फोन पर बातचीत भी की। उन्होंने महाकुंभ मेले में संक्रमित पाए जा रहे साधु-संतों का हालचाल भी जाना।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।”
स्वामी अवधेशानंद ने भी की अपील
प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने भी सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी शेयर की। उन्होंने लिखा, “माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं। स्वयं एवं अन्य के जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए कोरोना के नियमों का निर्वहन करें।”
दो अखाड़े कर चुके हैं कुंभ मेला समाप्ति का ऐलान
कुल 13 अखाड़ों में से निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा कुंभ मेला समाप्ति का ऐलान कर चुके हैं। दोनों ने 17 अप्रैल को कुंभ मेला खत्म होने का ऐलान किया है। दूसरी तरफ खबर है कि भाजपा नेता बाकि अखाड़ों के प्रतिनिधियों से बात कर उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे खुद ही शाही स्नान स्थगित कर कुंभ समाप्ति की घोषणा कर दें या फिर स्नान के लिए जब उनके अखाड़े आएं भी तो साधु कुछ ही संख्या में आएं।
गौरतलब है कि निरंजनी अखाड़े के 17 साधु-संत संक्रमित हो चुके हैं। अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी खुद संक्रमित हैं। अब तक कुंभ मेले में शामिल होने वाले करीब 70 से ज्यादा साधु-संत कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। बड़ी संख्या में संतों की टेस्टिंग हो रही है। दो दिन पहले ही अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देवदास (65) की मौत भी हो चुकी है।
कोरोना फैलने पर आपस में भिड़ने लगे अखाड़े
कुंभ में संक्रमण फैलने को लेकर अब अखाड़े के साधु-संत आपस में ही भिड़ गए हैं। एक-दूसरे पर कोरोना फैलाने को लेकर आरोप लगा रहे हैं। बैरागी अखाड़े ने आरोप लगाया कि कुंभ में संक्रमण संन्यासी अखाड़ों से फैला है।
निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने कुंभ में बढ़ते संक्रमण के मामलों के लिए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को जिम्मेदार ठहराया है। हरिद्वार में कुंभ मेले का समय 30 अप्रैल तक है। कोरोना के चलते इस साल कुंभ का मेला जनवरी की बजाय 1 अप्रैल से शुरू किया गया था।
उत्तराखंड में कोरोना की रफ्तार हुई 8814% तेज
उत्तराखंड में एक महीने के अंदर कोरोना मरीजों के मिलने की रफ्तार में 8814% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इस ग्रोथ रेट को समझना है तो पहले कुछ आंकड़ों को देखें। 14 फरवरी से 28 फरवरी तक उत्तराखंड में महज 172 लोग संक्रमित पाए गए थे। फिर 1 से 15 अप्रैल के बीच 15,333 लोग कोरोना की चपेट में आए। 14 फरवरी से 14 अप्रैल के बीच का ग्रोथ रेट 8814% आता है।
बिगड़ते हालात का अंदाजा यहां हर दिन मिलने वाले मरीजों की संख्या से भी लगा सकते हैं। फरवरी तक यहां हर दिन केवल 30 से 60 के बीच लोग संक्रमित मिलते थे। अब ये संख्या बढ़कर 2,000 से 2,500 हो गई है। आंकड़ों यर गौर करें तो लगता है कि ये तो अभी शुरुआत है। आने वाले दिनों में स्थिति और भी भयावह हो सकती है। पिछले 24 घंटे में उत्तराखंड में 2402 लोग संक्रमित मिले हैं। इनमें 539 मरीज हरिद्वार से हैं।