नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने देश में कोहराम मचा रखा है। देश में हर दिन बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के पीछे अभी तक डबल म्यूटेशन वाले वेरिएंट को जिम्मेदार बताया जा रहा था। हालांकि, अब एक और चुनौती देश के सामने आ गई है और वह है कोरोना वायरस का ट्रिपल म्यूटेशन। एक रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र समेत भारत के तीन राज्यों में ट्रिपल म्यूटेशन स्ट्रेन (Triple Mutation Strain) पाया गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि दुनियाभर में कोरोना के तेज रफ्तार से बढ़ते मामलों की वजह इसके नए वेरिएंट ही हैं। दरअसल, वायरस जितना फैलता है, यह अपनी कई कॉपी बनाता है और इसमें कई बदलाव होते हैं।
म्यूटेशन तब होता है जब वायरस स्वरूप बदलता रहता है और जितना वह म्यूटेट होता है उतना ही फैलता है। भारत में डबल म्यूटेशन (Double Mutation Strain) वाले वायरस के मामलों में ऐसा हो चुका है। कोरोना वायरस के डबल म्यूटेशन का पता पहली बार पिछले साल 5 अक्टूबर को वायरस के जीनोम सीक्वेंस से लगा था। जानकारों के मुताबिक इसी वजह से कोरोना की दूसरी लहर तेज हुई है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि दोनों म्यूटेशन- E484Q और L425R, वायरस के महत्वपूर्ण स्पाइक प्रोटीन में स्थित थे- जो इसे शरीर में रिसेप्टर कोशिकाओं से जोड़ता है। म्यूटेशन का तत्काल प्रभाव से अध्ययन किया जाना चाहिए। हालांकि, फंड की कमी और कोरोना के गिरते मामलों के कारण नवंबर और जनवरी के बीच हो रही जीनोम सीक्वेंसिंग बंद हो गई। अब B.1.167 में एक तीसरे म्यूटेशन की पहचान की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार, इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
ट्रिपल म्यूटेंट स्ट्रेन भारत के लिए अगली चुनौती हो सकता है और इससे पहले कि यह तबाही लाये, इसे हराना होगा। इस समय इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी की जरूरत है। सीधे शब्दों में कहें, अब मिले ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट में कोरोना के तीन स्ट्रेन मिले हैं। यह एक साथ मिलकर एक नया वेरिएंट बनाते हैं। अभी तक महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में कोरोना के ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट के मिलने की खबर है। म्यूटेंट को पूरी तरह से समझने के लिए विशेषज्ञों ने आगाह किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वायरस में हो रहे म्यूटेशन की वजह से सिर्फ भारत नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट कितना घातक है या यह कितनी तेजी से फैलता है, इसका पता लगाने के लिए अभी रिसर्च करनी पड़ेगी। मौजूदा समय में भारत की 10 लैब में वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग हो रही है।
ट्रिपल म्यूटेशन के तीन में से 2 स्ट्रेन ऐसे हैं जो घातक साबित हो सकते हैं। हालांकि, अभी तक वैक्सीन का इस वेरिएंट पर असर होगा या नहीं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस नए वेरिएंट में शरीर के अंदर प्राकृतिक तौर कोरोना के खिलाफ बनी इम्यूनिटी को बेअसर करने की क्षमता है।
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