नई दिल्ली। देश में कोरोना के टीकाकरण को लेकर की जा रही तैयारियां मंगलवार को ब़ड़ी खुशखबरी लेकर आईं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि 28 और 29 दिसंबर को असम, आंध्र प्रदेश, पंजाब और गुजरात में कोरोना के टीकाकरण के लिए ड्राई रन का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। 

दरअसल, कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए सरकारी मशीनरी को जमीनी तैयारी को परखा जा रहा है, जिससे वास्तविक वैक्सीनेशन से पहले जरूरी कमियों का पता लगाया जा सके और उन्हें समय रहते दुरुस्त किया जाए। वैसे, केंद्र की प्रस्तावित योजना के अनुसार वास्तविक वैक्सीनेशन जनवरी में शुरू हो सकता है। कोविड-19 वैक्सीन का देश को अब बेसब्री से इंतजार है। ड्राई रन के बाद अब माना जा रहा है सरकार जल्द ही कोरोना की वैक्सीन लगाने का काम शुरू कर सकती है।

जिला प्रशासन की देखरेख में किया गया ड्राई रन

ड्राई रन के दौरान सभी राज्यों के जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया था और डमी लाभार्थियों के डेटा, स्थल निर्माण, वैक्सीन आवंटन, टीका लगाने वालों के लिए टीकाकरण विवरण का संचार जैसी गतिविधियों को अंजाम दिया गया था।

क्या होता है ड्राई रन?

ड्राई रन राज्यों में कोल्ड चेन से वैक्सीनेशन साइट्स तक वैक्सीन लाने-ले जाने की प्रक्रिया परखी जा रही है।  वैक्सीनेशन साइट्स पर किस तरह की दिक्कतें आ सकती है, यह भी पता लगाने की कोशिश होगी। वैक्सीन के लिए कोल्ड स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन की रियल-टाइम ट्रैकिंग इसमें शामिल है।  ड्राई रन में जरूरी डेटा एंट्री होगी। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वैक्सीन डिलीवरी, टेस्टिंग की रिसीप्ट और अलॉटमेंट, टीम मेंबर्स का एप्वॉइंमेंट, साइट्स पर मॉक ड्रिल की निगरानी भी होगी।

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