देहरादून। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला के जुम्मा गांव के पास भूस्खलन में 5 लोगों की मौत हो गई जबकि समाचार लिखे जाने तक राहत एवं बचाव कर्मचारी मलबे में दबे बाकी 2 लोगों की तलाश में जुटे हुए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट करके बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी को रेस्क्यू ऑपरेशन तेज करने का आदेश दिया है। पूरे पिथौरागढ़ में मूसलाधार बारिश के साथ बादल फटने, चट्टाने गिरने से हालात बिगड़ गए हैं। दो दिन पहले भी यहां बादल फटा था, जिससे बाढ़ आ गई। टिहरी में बारिश के बीच हाईवे का एक हिस्सा बह गया। चम्पावत के स्वांला में बारहमासी सड़क से मलबा हटाना एक सप्ताह बाद भी चुनौती बना हुआ है। टनकपुर में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। वहीं विकासनगर के थाना सहसपुर क्षेत्र के दुर्गम गांव कोटड़ा वीरसनी में मकान गिरने से दो बच्चे दब गए।
लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते प्रदेश में बदरीनाथ और गंगोत्री राजमार्ग समेत कुल 84 मार्ग बंद पड़े हैं। आवाजाही पूर्णरूप से बाधित होने से कई गांव में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को देहरादून और कुमाऊं के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि मंगलवार से मौसम फौरी राहत दे सकता है।
पिथौरागढ़ जिले में रविवार देर रात भारी बारिश से तबाही मच गई। धारचूला के जुम्मा गांव में जामुनी तोक में पांच और सिरौउड़यार तोक में दो आवासीय मकान क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं, करीब 7 लोग लापता बताए हो गए। अब तक बच्चों समेत 5 के शव बरामद किए गए हैं।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि देर रात जुम्मा गांव में अतिवृष्टि के कारण 7 लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना मिली थी। सूचना के तत्काल बाद घटना क्षेत्र में राजस्व, एसएसबी, पुलिस, एसडीआरएफ और रेस्क्यू टीम रवाना हो गई। एनडीआरएफ भी क्षेत्र में भेजी गई है। इस दौरान टीम ने गांव से 5 शव बरामद किए हैं।
नेपाल के सिरबगड़ में बादल फटने से आए मलबे से काली (शारदा) नदी का प्रवाह रोक दिया। जिसके चलते धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना के प्रशासनिक कार्यालय और कॉलोनी तक काली (शारदा) नदी का पानी जमा हो गया। कॉलोनी में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने दहशत के साए में तीन मंजिला भवन की छत पर रात गुजारी। पिथौरागढ़ के धारचूला में अंतरराष्ट्रीय झूला पुल तक पानी पहुंच गया। रात को एसडीएम और पुलिस ने नदी किनारे स्थित मकानों में रहने वाले लोगों को सजग किया।
उधर, चम्पावत के टनकपुर में शारदा नदी उफान पर आ गई। जल स्तर इतना बढ़ गया कि नदी का पानी स्नानघाट के ऊपर से आसपास की कॉलोनी तक पहुंच गया। यहां बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं।
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