अयोध्या। सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा गठित ट्रस्ट अयोध्या के धन्नीपुर में बाबरी मस्जिद के बराबर आकार की मस्जिद बनवाएगा। इस मस्जिद परिसर में अस्पताल, पुस्तकालय, संग्रहालय आदि होंगे। संग्रहालय के निर्माण के लिए सलाहकार क्यूरेटर की जिम्मेदारी प्रो. पुष्पेश पंत को सौंपी गई है।
इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के सचिव और प्रवक्ता अतहर हुसैन ने शनिवार को बताया, “धन्नीपुर में जो मस्जिद बनेगी, उसके साथ इंडो इस्लामिक शोध संस्थान में जनसामान्य के लिए अस्पताल, संग्रहालय जैसी सुविधाएं होंगी। मस्जिद 15 हजार वर्ग फुट में होगी जबकि बाकी बची जमीन पर अन्य सारी सुविधाएँ होंगी। शुक्रवार को सेवानिवृत्त प्रोफेसर पुष्पेश पंत ने संग्रहालय का क्यूरेटर बनने पर सहमति दे दी है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रो. एस एम अख्तर इस परियोजना के सलाहकार वास्तुविद (आर्किटेक्ट) होंगे।”
आईआईसीएफ मस्जिद के निर्माण के अलावा इंडो इस्लामिक शोध संस्थान, पुस्तकालय और अस्पताल का काम भी देखेगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या के पास धन्नीपुर गांव में 5 एकड़ जमीन मस्जिद के लिए दी है। यह जमीन अयोध्या जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर की दूरी पर सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में है।
अख्तर के अनुसार पूरा परिसर भारतीयता से परिपूर्ण और इस्लाम की भावनाओं के अनुरूप होगा। इस परिसर का उद्देश्य मानवता की सेवा करना होगा। इसका मूल उद्देश्य भारत के लोकाचार और इस्लाम की भावना को एक साथ लाना होगा।
अख्तर ने कहा कि उन्हें हाल ही में परिसर का डिजाइन तैयार करने का काम दिया गया था जिसमें भारत-इस्लामी शोध केंद्र, एक पुस्तकालय और एक अस्पताल भी होगा। वह बहुत जल्द ही परियोजना पर काम शुरू कर देंगे।
गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने ध्वस्त कर दिया था। उनका दावा था कि उस जगह पर भगवान राम का मंदिर था। वर्षों चली कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर को अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था। शीर्ष अदालत ने साथ ही नई मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में ही प्रमुख जगह पर सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का केंद्र को निर्देश दिया था।