शिरड़ी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साईं जन्मस्थान को लेकर दिए बयान के बाद विवाद गहराता जा रहा है। आज रविवार से शिरडी शहर में बंद का आह्वान किया गया है, हालांकि बाबा के भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खुले हुए हैं। शहर बंद होने के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। इन सबके बीच बाबा के दर्शन के लिए भक्त मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिर के बाहर भक्तों की अच्छी-खासी संख्या देखने को मिल रही है जो अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। विवाद बढ़ता देख मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बातचीत की इच्छा जताई है।
श्री साईंबाबा संस्थाव ट्रस्ट के सीईओ डीएम मुगलीकर ने कहा, “आज बंद के बावजूद आज बंद साईं मंदिर आने वाले भक्तों के लिए भोजन और आवास की पर्याप्त व्यवस्था है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल एक बैठक बुलाई है।”
विवाद को बढ़ता देख मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को शिरडी के नागरिकों और पाथरी के प्रतिनिधियों को बैठक के लिए मुंबई बुलाया है। वे दोनों पक्षों के साथ बातचीत के जरिए विवाद का निपटारा करने की कोशिश करेंगे। गौरतलब है कि यह विवाद ठाकरे के शिरडी से करीब 270 किलोमीटर दूर परभणी जिले के पाथरी में विकास के लिए 100 करोड़ रुपये देने की घोषणा के बाद शुरू हुआ। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस मुद्दे को सुलझाने के लिए ठाकरे सभी संबंधित पक्षों के साथ राज्य सचिवालय में बैठक करेंगे।
शिरडी से शिवसेना के लोकसभा सदस्य सदाशिव लोखंडे ने रविवार को खुद को साईं बाबा का भक्त बताते हुए बंद का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “मैं पहले साईं भक्त हूं और बाद में सांसद। मैं इस प्रदर्शन का समर्थन करता हूं। साईबाबा 16 साल की उम्र में शिरडी आए थे। उन्होंने कभी अपनी जाति-धर्म नहीं बताया, इसलिए उन्हें बांटना नहीं चाहिए। मैं मुख्यमंत्री से मामले पर बात करूंगा।”
स्थानीय भाजपा विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि उन्होंने स्थानीय लोगों द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को साईं बाबा का जन्मस्थान पाथरी होने संबंधी बयान को वापस लेना चाहिए।” पूर्व राज्यमंत्री ने कहा, “देश के कई साईं मंदिरों में एक पाथरी में भी है। सभी साईं भक्त इससे आहत हुए हैं, इसलिए इस विवाद को खत्म होना चाहिए। ”वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने शुक्रवार को कहा था कि श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का पाथरी में विकास का विरोध जन्मस्थान विवाद की वजह से नहीं किया जाना चाहिए।
शिरडी के साई बाबा को लेकर विवाद उस समय पैदा हुआ जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले के पाथरी में साईं बाबा जन्मस्थान पर सुविधाओं का विकास करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने की घोषणा की थी। कुछ श्रद्धालु पाथरी को साईँ बाबा का जन्मस्थान मानते हैं जबकि शिरडी के लोगों का दावा है कि उनका जन्मस्थान अज्ञात है।
शिरडी स्थित श्री साईबाबा संस्थान न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने बताया कि बंद के बावजूद मंदिर खुला रहेगा। मुगलीकर ने कहा, “मुख्यमंत्री को साई बाबा का जन्मस्थान पाथरी होने संबंधी दिए बयान को वापस लेना चाहिए। देश के कई साई मंदिरों है जिसमें से एक पाथरी भी है। साई भक्त इससे आहत हुए हैं, ऐसे में विवाद को खत्म किया जाना चाहिए।”
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