नई दिल्ली। (disputed statement on Ram temple bhoomi poojan) अयोध्या में हुए श्रीराम मंदिर भूमि पूजन पर विवादित बयान देने वाले उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना के तहत कार्रवाई करने की मांग वाली याचिका दाखिल की गई है। मंगलवार को दाखिल की गई इस याचिका में शफीकुर्रहमान बर्क के अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी मौलाना मोहम्मद वली रहमानी और ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ भी अवमानना के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है।
शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा था, “वह जगह बाबरी मस्जिद थी, बाबरी मस्जिद है और हमेशा रहेगी। भाजपा और आरएसएस ने अपनी ताकत के बल पर अदालत से अपने हक में फैसला करवा कर और मंदिर की बुनियाद रख कर जम्हूरियत और सेक्युलरिज्म का कत्ल किया है। देश का मुसलमान मोदी और योगी के रहमो-करम पर नहीं हैं। मुसलमान अल्लाह के भरोसे पर जिंदा हैं। मुसलमान मायूस ना हों।”
शफीकुर्रहमान बर्क के सुर में सुर मिलाते हुए मौलाना साजिद रशीदी ने कहा था, “इस्लाम कहता है कि एक मस्जिद हमेशा मस्जिद ही रहेगी। इसे कुछ और बनाने के लिए नहीं तोड़ा जा सकता। हम मानते हैं कि वह मस्जिद थी और हमेशा मस्जिद रहेगी। मंदिर को गिराने के बाद मस्जिद की नहीं बनाई गई थी लेकिन अब मस्जिद बनाने के लिए हो सकता है कि मंदिर को तोड़ा जाए।”
ये याचिका वकील विनीत जिंदल ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि सपा सांसद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड रामलला, उनकी संपत्ति, हिंदू समुदाय और पूजा स्थल के खिलाफ नफरत और हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।