नई दिल्ली। देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो (Driverless metro, चालक रहित मेट्रो) सोमवार को पटरियों पर दौड़ने लगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में दिल्ली मेट्रो की इस सेवा की शुरुआत की। फिलहाल जनकपुरी पश्चिम से बॉटनिकल गार्डन तक मेट्रो की 37 किलोमीटर लंबी मैजेंटा लाइन पर यह सुविधा शुरू की गई है। इसके बाद मजलिस पार्क से शिव विहार के बीच भी 2021 के मध्य में चालक रहित ट्रेन सेवा शुरू होने की उम्मीद है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसकी शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि तीन साल पहले मैजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभाग्य मिला था। आज फिर इसी लाइन पर पूरी तरह से ऑटोमेटेड मेट्रो के उद्घाटन का सौभाग्य मिला। ये दिखाता है कि कैसे देश तेजी से आगे बढ़ रहा है।

ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन (DTO) या अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन (UTO) मोड को डीएमआरेसी (DMRC) नेटवर्क की लाइन 7 और लाइन 8 पर ही लागू किया जा सकता है। अभी के लिए DMRC केवल लाइन 8 पर UTO मोड को चालू कर रहा है। इसके बाद मजलिस पार्क-शिव विहार के बीच भी 2021 के मध्य में चालक रहित ट्रेन सेवा शुरू होने की उम्मीद है।

आज 28 दिसंबर से मजेंटा लाइन पर चालक रहित ट्रेन ऑपरेशन (डीटीओ) मोड के जरिए मेट्रो चलेगी। इस मोड में गाड़ियों को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के DMRC के तीन कमांड सेंटरों से पूरी तरह से नियंत्रित किया जाएगा। संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) सिग्नलिंग तकनीक से ट्रेनों का चलाया जाएगा। कमांड सेंटरों पर ट्रेन के उपकरणों की निगरानी रियल टाइम में की जाएगी।

क्या अब मेट्रो में ड्राइवर नहीं होंगे?

जब तक DMRC UTO मोड में नहीं जाता, तब तक मेट्रो में ऑपरेटर होंगे, जो आपात स्थिति में इसे ऑपरेट करेंगे। हाई रिजाल्यूशन कैमरे लगाने के बाद मेट्रो ड्राइवरों के लिए बनाए गए केबिनों को भी धीरे-धीरे हटा दिया जाएगा। फिलहाल मेट्रो में जो कैमरे लगे हैं उनसे पटरियों पर किसी फॉल्ट का पता नहीं लग पाता है।

ड्राइवरलेस मेट्रो की 3 प्रमुख खूबियां

 इसका सिस्टम इतना सुरक्षित है कि कभी दो मेट्रो एक ही ट्रैक पर आ जाएं तो एक तय दूरी पर अपने आप रुक जाएंगी।
 मेट्रो में सफर के दौरान कई बार झटके जैसा जो अनुभव होता है, वह ड्राइवरलेस ट्रेन में नहीं होगा।
 ट्रेन में चढ़ने-उतरने के दौरान यात्रियें को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

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