नयी दिल्ली । सुनील अरोड़ा ने रविवार को भारत के 23वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाल लिया। इस अवसर पर उन्होंने चुनावों को ‘पूरी तरह से स्वतंत्र, निष्पक्ष और नैतिक’ बनाने के लिए राजनीतिक दलों और आम लोगों से सहयोग करने का आग्रह किया। पूर्व नौकरशाह अरोड़ा ओपी रावत के स्थान पर मुख्य चुनाल आयुक्त बने हैं। रावत शनिवार को इस पद से सेवानिवृत्त हो गए थे।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव 62 वर्षीय अरोड़ा की निगरानी में होंगे। लोकसभा चुनाव के अलावा 2019 में ही ओडिशा, महाराष्ट्र, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी उनके ही कार्यकाल के दौरान संपन्न होंगे। उनका कार्यकाल अक्टूबर, 2021 तक होगा। गौरतलब है कि राजस्थान में आगामी सात दिसंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा।
कार्यभार संभालने के बाद नए मुख्य चुनाव आयुक्त अरोड़ा ने ‘चुनावों को पूरी तरह से स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और नैतिक बनाने में’ सभी हितधारकों-राजनीतिक पार्टियों, मीडिया, नागरिक समाज संगठनों और आम लोगों से सहयोग करने का अनुरोध किया। अरोड़ा 31 अगस्त, 2017 को चुनाव आयुक्त नियुक्त हुए थे। वह सूचना एवं प्रसारण सचिव और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में सचिव रहे थे.
राजस्थान कैडर के अधिकारी
1980 बैच के आईएएस अधिकारी अरोड़ा वित्त, कपड़ा जैसे मंत्रालयों और योजना आयोग में काम कर चुके हैं। उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय में 1999-2002 के बीच संयुक्त सचिव और पांच वर्षों (अतिरिक्त प्रभार के रूप में दो वर्ष और पूर्ण प्रभार के रूप में तीन वर्ष) के लिए इंडियन एयरलाइन्स के सीएमडी के रूप में अपनी सेवाएं दीं। राजस्थान में धौलपुर, अलवर, नागौर और जोधपुर जिलें में कार्य करने के अलावा वह 1993-1998 के दौरान मुख्यमंत्री के सचिव भी रहे। 2005-2008 के दौरान वह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी रहे थे। उन्होंने सूचना एवं जनसंपर्क (आईपीआर), उद्योग और निवेश विभागों को भी संभाला था।