नई दिल्ली। जानी-मानी साहित्यकार व गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा (77) का बुधवार को निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उनके निधन पर दुख जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि मृदुला सिन्हा जी को जनता की सेवा के लिए उनके प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। वह एक कुशल लेखिका भी थीं, जिन्होंने साहित्य के साथ-साथ संस्कृति की दुनिया में भी व्यापक योगदान दिया। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।
मृदुला सिन्हा का जन्म वर्ष 1942 में बिहार के छपरा जिले के कांटी प्रखंड निवासी राम छबिला सिंह और अनूपा देवी के घर हुआ था। उन्होंने शुरुआती शिक्षा लखीसराय बालिका विद्यापीठ और बीए की डिग्री एमडीडीएम कॉलेज से हासिल की। इसके बाद बिहार विश्वविद्यालय से पीजी की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह एसकेएस महिला कॉलेज, मोतिहारी में प्रोफेसर बनीं। 1959 में उनका विवाह रामकृपाल सिंह से हुआ। पति-पत्नी दोनों स्थापना काल से ही जनसंघ से जुड़े थे, पर मृदुला सिन्हा के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1977 में हुई। 77 में केंद्र में जब पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी तो मोरारजी देसाई की सरकार में पति रामकृपाल सिंह को श्रम राज्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद सभी बिहार से दिल्ली आ गए।
1980 में भाजपा के गठन के बाद जब महिला मोर्चा की स्थापना हुई तो उन्हें सह संयोजक बनाया गया। इसके बाद वह दो बार भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहीं। लेखन और साहित्यिक क्षेत्र में भी मृदुला सिन्हा की अलग पहचान रहीं। उनके परिवार में दो बेटे और एक बेटी है। मोदी सरकार ने उन्हें गोवा का राज्यपाल बनाया था। वह बिहार से ताल्लक रखने वाली ऐसी दूसरी महिला थीं, जो राज्यपाल के पद पर पहुंचीं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा कि गोवा की पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेता मृदुला सिन्हा जी का निधन बहुत दुःखद है। उन्होंने जीवन पर्यन्त राष्ट्र, समाज और संगठन के लिए काम किया। वह एक निपुण लेखिका भी थी, जिन्हें उनके लेखन के लिए भी सदैव याद किया जाएगा। उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ॐ शान्ति।