नई दिल्ली। (Government Invites Farmers For Talks) केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों को बुधवार दोपहर दो बजे वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। केंद्रीय कृषि सचिव ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकार खुले दिमाग से सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई चिट्ठी के जवाब में किसानों ने 29 दिसंबर को 11 बजे बातचीत करने की पेशकश की थी। गौरतलब है कि किसानों के आंदोलन को एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है।

किसानों से वार्ता के एक दिन पहले सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच बैठक भी हुई। कृषि सचिव ने कहा कि भारत सरकार समस्या का तर्कपूर्ण समाधान ढूंढने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने वार्ता को लेकर एक एजेंडे पर कहा कि बैठक में तीनों नए कृषि सुधार से जुड़े कानून, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी, MSP) की मौजूदा व्यवस्था, केंद्रीय बिजली बिल और प्रदूषण के लिए लाये गए पराली से जुड़े आयोग अध्यादेश पर चर्चा होगी।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार औऱ किसानों के बीच कृषि कानूनों के मुद्दे पर छह दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला है। किसान कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लेने पर अड़े हुए हैं, जबकि सरकार का कहना है कि वह किसानों की आपत्तियों का संज्ञान लेते हुए इन कानूनों में जरूरी संशोधनों के लिए तैयार है। किसान एमएसपी की गारंटी का कानून भी बनाने की मांग कर रहे हैं। किसान संगठनों की यह भी आशंका है कि बिजली संशोधन बिल के जरिये उन्हें मुफ्त बिजली की व्यवस्था खत्म की जा रही है। पराली को लेकर बने कानून पर भी उन्हें ऐतराज है।

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