नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया गया। कैबिनेट ने फसल बीमा योजना में संशोधन को मंजूरी देकर इसे किसानों के लिए स्वैच्छिक बना दिया है। ऐसे में अब किसान खुद तय कर सकेंगे कि वे अपनी फसल का बीमा कराना चाहते हैं अथवा नहीं।
कैबिनेट की बैठक में सबसे पहले मंत्रिमंडल ने 22वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि यह आयोग सरकार को जटिल कानूनी मुद्दों पर सलाह देगा। गौरतलब है कि विधि आयोग का कार्यकाल इस वर्ष अगस्त में समाप्त हो रहा है। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद विधि मंत्रालय अब नए आयोग के लिए अधिसूचना जारी करेगा जिसका कार्यकाल तीन वर्ष होगा।
मंत्रिमंडल ने अपना दूसरा अहम फैसला फसल बीमा को लेकर किया। कृषि मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने फसल बीमा योजना में संशोधन को मंजूरी दी। इसे किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाया गया है।
सहायक प्रजनन तकनीक (नियमन) विधेयक
कैबिनेट ने तीसरे फैसले में सहायक प्रजनन तकनीक (नियमन) विधेयक को मंजूरी दी। इसमें महिलाओं के प्रजनन अधिकारों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और स्मृति ईरानी ने संवाददाताओं को बताया कि इस विधेयक को जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। स्मृति ईरानी ने इसे महिलाओं के प्रजनन अधिकारों की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम बताया। इसके तहत एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री और पंजीकरण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव किया गया है जो सभी चिकित्सा पेशेवरों और इससे जुड़ी तकनीक का उपयोग करने वाले प्रतिनिधियों पर लागू होगा। इसमें एक राष्ट्रीय बोर्ड और राज्य बोर्ड के गठन की बात भी कही गई है, जो कानूनी रूपरेखा को लागू करने में मदद करेगा। इसमें एक सेंट्रल डाटा बेस बनाने की भी बात कही गई है। इस डाटा का उपयोग शोध के लिए किया जाएगा।