नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने स्नातक/डिग्रीधारक प्रशिक्षुओं (Apprentice) को त्योहारों का तोहफा देते हुए उनके मानदेय (Stipend) में वृद्धि कर दी है। इस बाबत अप्रेंटिसशिप नियम, 1992 (Apprenticeship Rules, 1992) की अधिसूचना जारी कर दी गई है जो 25 सितंबर 2019 से प्रभावी होगी। इसके मुताबिक अब अप्रेंटिस को दिया जाने वाला न्यूनतम स्टाइपेंड 5000 रुपये से बढ़ाकर 9000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। इसके अलावा अप्रेंटिसशिप (संशोधन) नियम, 2019 के अनुसार किसी संस्थान में अप्रेंटिस की भर्ती की सीमा कुल क्षमता के 15 प्रतिशत तक कर दी गई है।

केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने मंगलवार को बताया कि अप्रेंटिस कानून में बदलाव किए गए हैं। साथ ही अप्रेंटिसशिप की संख्या बढ़कर 2.6 लाख पहुंचने की उम्मीद है जो मौजूदा समय में 60,000 है।

नए नियमों के अनुसार 5वीं से 9वीं तक शिक्षा प्राप्त अप्रेंटिस को 5000 रुपये प्रतिमाह जबकि स्नातक/डिग्रीधारक अप्रेंटिस को 9000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा देने के लिए 21 थर्ड पार्टी एग्रेगेटर्स और 19 राज्यों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

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