तिरुवनंतपुरम। लक्षद्वीप की फिल्म निर्माता और कथित एक्टिविस्ट आयशा सुल्ताना को प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल के खिलाफ बोलना भारी पड़ा है। उनकी टिप्पणी को गंभीरता से लेते हुए उनके खिलाफ देशद्रोह और अभद्र भाषा के इस्तेमाल की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आयशा ने प्रफुल खोड़ा पटेल के कोविड से निपटने के तरीके की आलोचना की थी, साथ ही उन्हें केंद्र द्वारा भेजा गया “जैविक हथियार” बताया था। पुलिस ने इस मामले में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की शिकायत पर आयशा के खिलाफ कार्रवाई की है।

इस सप्ताह की शुरुआत में आयशा सुल्ताना ने एक क्षेत्रीय चैनल पर न्यूज डिबेट के दौरान प्रफुल्ल पटेल और केंद्र सरकार के खिलाफ टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, “लक्षद्वीप में कोविड​​​​-19 के शून्य मामले थे। अब यह बढ़कर रोजाना 100 मामलों पर आ गया है। मैं यह स्पष्ट रूप से कह सकती हूं कि केंद्र सरकार ने जैव हथियार तैनात किया है।” 

इस टिप्पणी का भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर विरोध किया था। भाजपा के लक्षद्वीप प्रमुख सी. अब्दुल खादर हाजी ने पुलिस से शिकायत की थी जिसमें आयश पर “राष्ट्र-विरोधी” टिप्पणी करने और  “केंद्र सरकार की देशभक्ति की छवि को धूमिल करने” का आरोप लगाया गया है।

गौरतलब है कि आयशा सुल्ताना प्रशासक के विवादास्पद फैसलों की पहले से ही कड़ी आलोचना करती रही हैं। उन्होंने अपनी टिप्पणियों के बचाव में फेसबुक में कहा, “उन्होंने मेरे खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया है लेकिन मैं दोहराना चाहती हूं कि सच्चाई की जीत होगी। मामला लक्षद्वीप के एक भाजपा कार्यकर्ता द्वारा दर्ज कराया गया था। मैं उस भूमि के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगी जहां मैं पैदा हुई। हम किसी से नहीं डरते। मेरी आवाज अब तेज होने वाली है।”

प्रफुल खोड़ा पटेल को बीते दिसंबर में लक्षद्वीप प्रशासक नियुक्त किया गया था। उनको उनके कई फैसलों के चलते स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

 
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