बेंगलुरु/नई दिल्ली। (FIR against Sonia Gandhi for PM Cares Fund) पीएम केयर्स फंड के खिलाफ कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कर्नाटक के शिवमोगा में एफआईआर दर्ज कराई गई है। कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को पत्र लिखकर मामला निरस्त कराने की मांग की है। उनका कहना है कि सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर गलत जानकारी के आधार पर लिखाई गई है। दिल्ली में भी कांग्रेस नेताओं ने अपनी नेता का बचाव करते हुए मुकदमा दर्ज करने की निंदा की है।

पुलिस के मुताबिक, शिवमोगा जिले के सागर कस्बे में बुधवार को प्रवीण के वी नामक व्यक्ति की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट में “निराधार आरोप” लगाकर जनता के बीच अविश्वास पैदा करने का प्रयास किया गया है। पुलिस ने आईपीसी की धाराओं 153 और 505 (1) (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है जो लोगों को किसी अन्य वर्ग या समुदाय के खिलाफ अपराध करने के लिए अकारण उकसाने से संबंधित है।

शिकायत में आरोप लगाया गया कि आईएनसी इंडिया ट्विटर अकाउंट से 11 मई 2020 को शाम 6 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ संदेश डालकर पीएम केयर्स फॉं के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया जिसमें कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकार की मदद के लिए लोग दान दे रहे हैं। शिकायतकर्ता ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और ट्विटर हैंडल को संभालने में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी।

इस बीच कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ गलत सूचना के आधार पर राजनीति के मकसद से केस दर्ज कराया है। शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने और उन्हें निलंबित करने की मांग की है। कांग्रेस पार्टी ने भी कर्नाटक में सोनिया गांधी के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की निंदा करते हुए कहा कि यह प्रतिशोध की राजनीति है और इसके लिए कर्नाटक सरकार को शर्म आनी चाहिए। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा कि यह अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे ट्विटर हैंडल से सिर्फ पीएम केयर्स को लेकर ही सवाल किया गया था। हमें विश्वास नहीं हो रहा है कि ये लोग राजनीतिक प्रतिशोध के तहत इस हद तक चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम एक लोकतंत्र में हैं। लोकतंत्र में विपक्ष को सवाल उठाने का अधिकार है। हम फिर से सवाल कर रहे हैं जब पीएम केयर्स कोष में पैसा है तो श्रमिकों की मदद क्यों नहीं की जा रही है?

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