नई दिल्ली। सबसे लंबे समय तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित का शनिवार को निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहीं कांग्रेस की कद्दावर नेता शीला दीक्षित ने एस्कॉर्ट अस्पताल में अंतिम सांस ली।लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था। कुछ समय के लिए वह केरल की राज्यपाल भी रहीं।
वह तीन बार (1998 से 2013 तक ) दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। शनिवार सुबह ही उन्हें उल्टी होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के जीसस एंड मेरी कॉन्वेंट स्कूल में शिक्षा पाई और दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की थी। उनका विवाह उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी (आईएएस) विनोद दीक्षित से हुआ था। विनोद कांग्रेस के बड़े नेता और बंगाल के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे। शीला दीक्षित के दो संताने हैं। उनके पुत्र संदीप दीक्षित भी सांसद रह चुके हैं।
राजनीति में आने से पहले वे कई संगठनों से जुड़ी रहीं। और उन्होंने कामकाजी महिलाओं के लिए दिल्ली में दो हॉस्टल भी बनवाए थे। 1984 से 89 तक वे कन्नौज (उत्तर प्रदेश) से सांसद रहीं। इस दौरान वे लोकसभा की समितियों में रहने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहीं। वे बाद में केंद्रीय मंत्री भी रहीं। वे दिल्ली शहर की महापौर से लेकर मुख्यमंत्री भी रहीं।