लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने से पहले ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अंदरूनी रार सामने आ गई है। पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री व कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम ने यह कार्रवाई की है। रामवीर उपाध्याय पर लोकसभा चुनाव में आगरा, फतेहपुर सीकरी, अलीगढ़ समेत कई सीटों पर पार्टी का विरोध करने का आरोप है।
उपाध्याय को विधानसभा में बसपा के मुख्य सचेतक पद से भी हटा दिया गया है। उनसे कहा गया है कि वह अब पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे और न ही उन्हें इसके लिए आमंत्रित किया जाएगा।
पार्टी महासचिव मेवालाल गौतम के पत्र के अनुसार, रामवीर उपाध्याय न केवल लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हुए, बल्कि चेतावनी के बाद भी उन्होंने लोकसभा चुनाव में आगरा, फतेहपुर सीकरी, अलीगढ़ समेत कई सीटों पर पार्टी प्रत्याशी का खुलकर विरोध और विरोधी पार्टियों के प्रत्याशियों का समर्थन किया।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान रामवीर उपाध्याय की एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें वह आगरा से भाजपा प्रत्याशी व मंत्री एसपी सिंह बघेल के गले मिल कर उन्हें जीत की अग्रिम बधाई दे रहे थे। हालांकि तब उपाध्याय ने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि बघेल उन्हें रास्ते में मिल गए थे और उन्होंने उनकी कुशलक्षेम पूछकर बधाई दे दी।
गौरतलब है कि बसपा ने रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय को फतेहपुर सीकरी से प्रत्याशी बनाया था लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया। इसके बाद रामवीर उपाध्याय अलीगढ़ में भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम के साथ चुनाव प्रचार में भी दिखे।
यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि रामवीर उपाध्याय अब भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उनके भाई मुकुल उपाध्याय पिछले साल भाजपा में शामिल हुए थे। उस दौरान उन्होंने भाई रामवीर पर उन्हें बसपा से निकलवाने का आरोप लगाया था।